वाशिंगटन। अमेरिका में सत्तारूढ़ डेमोक्रेटिक पार्टी के एक शीर्ष सीनेटर ने कहा कि अमेरिका को तालिबान को औपचारिक तौर पर मान्यता नहीं देनी चाहिए। उनका यह बयान ऐसे समय में आया है, जब इस बात के संकेत बढ़ते जा रहे हैं कि राष्ट्रपति जो बाइडन का प्रशासन अब तालिबान को अफगानिस्तान का शासक मानने लगा है।
सीनेटर ने यह भी कहा कि अफगानिस्तान में विपक्षी बलों को मान्यता देना भी ‘कोई बेहतर विचार’ नहीं है, क्योंकि ‘वास्तव में वे देश नहीं चला रहे हैं। सीनेटर क्रिस मर्फी ने तालिबान को औपचारिक तौर पर मान्यता देने के संबंध में पूछे गए सवाल पर कहा मेरा मानना है कि मान्यता नहीं दी जानी चाहिए। लेकिन जैसा कि कुछ लोग विपक्षी बलों को मान्यता देने की सलाह दे रहे हैं तो उस पर भी मेरा कहना है कि विपक्षी बल वास्तव में देश नहीं चला रहे हैं। इससे अमेरिका का पक्ष कमजोर होगा, क्योंकि हम वैसे लोगों को मान्यता दे रहे हैं जो देश नहीं चला रहे हैं। मर्फी ने कहा कि भले ही अमेरिका औपचारिक तौर पर तालिबान को मान्यता नहीं देता हो, लेकिन उसे इस समूह से बात करनी चाहिए। मर्फी सीनेट की विदेश मामलों की एक उप समिति के अध्यक्ष हैं ।