नई दिल्ली। टोक्यो पैरालंपिक खेलों में स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रचने वाली पहली भारतीय महिला निशानेबाज अवनि लेखरा को निशानेबाजी में आने की प्रेरणा अभिनव बिंद्रा की किताब पढ़कर मिली थी। अवनि की रीढ़ की हड्डी में साल 2012 में एक कार दुर्घटना में चोट लग गयी थी। इसके बाद से ही उन्हें सामान्य जीवन जीने में परेशानी होने लगी थी।
अवनि को उनके पिता ने खेलों में जाने के लिये प्रेरित किया। वह पहले निशानेबाजी और तीरंदाजी दोनों खेलों में उतरीं। उन्हें निशानेबाजी अच्छी लगी। उन्हें बीजिंग ओलंपिक 2008 के स्वर्ण पदक विजेता बिंद्रा की किताब पढ़कर भी प्रेरणा मिली। उन्होंने 2015 में जयपुर के जगतपुरा खेल परिसर में निशानेबाजी शुरू की थी। कानून की छात्रा अवनि ने संयुक्त अरब अमीरात में विश्व कप 2017 में भारत की तरफ से भाग लिया था। अवनि पैरालंपिक खेलों में पदक जीतने वाली तीसरी भारतीय महिला खिलाड़ी हैं। इससे पहले रविवार को भाविनाबेन पटेल ने महिला टेबल टेनिस में रजत पदक जीता था जबकि भारतीय पैरालंपिक समिति की अध्यक्ष दीपा मलिक रियो ने साल 2016 में पैरालंपिक गोला फेंक में रजत पदक जीता था।

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