नई दिल्ली। अमेरिकी सेना ने डेडलाइन खत्म होने के पहले ही अफगानिस्तान से वापसी कर ली है। काबुल से अमेरिका के आखिरी विमान के उड़ान भरने के बाद तालिबान जहां जश्न मना रहा है तो वहीं अमेरिका ने जाते-जाते भी अफगानिस्तान की नई सत्ता को तगड़ा झटका दे दिया है। दरअसल, अमेरिकी सेना ने सोमवार को देश छोड़ने से पहले काबुल एयरपोर्ट पर बड़ी संख्या में मौजूद विमानों, सशस्त्र वाहनों और यहां तक की हाईटेक रॉकेट डिफेंस सिस्टम तक को डिसेबल कर दिया है। अमेरिकी जनरल ने इसकी जानकारी दी है। अमेरिका के सेंट्रल कमांड के मुखिया जनरल केनेथ मैकेंजी ने बताया कि हामिद करजई एयरपोर्ट पर मौजूद 73 विमानों को सेना ने डिमिलिट्राइज्ड कर दिया है, जिसका अर्थ है कि अब ये विमान इस्तेमाल नहीं किए जा सकेंगे। उन्होंने कहा, ‘वे विमान अब कभी नहीं उड़ सकेंगे…उन्हें कभी भी कोई भी संचालित नहीं कर सकेगा। निश्चित रूप से वे फिर कभी नहीं उड़ पाएंगे। उन्होंने आगे कहा, ’14 अगस्त को बचाव अभियान शुरू करते हुए अमेरिका ने करीब 6000 सैनिकों को काबुल एयरपोर्ट पर तैनात किया था। इसकी वजह से अब हवाईअड्डे पर 70 एमआरएपी बख्तरबंद वाहनों को भी नष्ट कर दिया गया है। इस तरह के एक वाहन की कीमत करीब 10 लाख डॉलर है। इसके अलावा 27 ‘हमवीज’ वाहन भी डिसेबल कर दिए गए हैं, जिन्हें अब कभी कोई इस्तेमाल नहीं कर सकेगा। अफगानिस्तान में अमेरिका ने रॉकेट, आर्टिलरी और मोर्टार रोधी सी-रेम सिस्टम भी छोड़ा है, जिसका इस्तेमाल एयरपोर्ट को रॉकेट हमले से बचाने के लिए किया गया था। इसी सिस्टम की वजह से सोमवार को इस्लामिक स्टेट की ओर से 5 रॉकेट हमले होने के बाद भी काबुल एयरपोर्ट सुरक्षित रहा। मैकेंजी ने कहा, ‘हमने इन सिस्टमों को अफगानिस्तान से अंतिम विमान उड़ने तक आखिरी मिनट तक चलाया। इन सिस्टमों को ब्रेक डाउन करना जटिल और समय लेने वाली प्रक्रिया है। इसलिए हमने इन सिस्टमों को डिमिलिट्राइज किया ताकि इसका कोई इस्तेमाल न कर सके।