काबुल। अफगानिस्‍तान में करीब 20 साल तक तालिबान के साथ संघर्ष करने के बाद अंतत: अमेरिकी सैनिक वापस लौट गए हैं। काबुल एयरपोर्ट से सोमवार को आखिरी अमेरिकी विमान के रवाना होने का तालिबान आतंकियों ने जमकर जश्‍न मनाया। वहीं, कतर में तालिबान के प्रवक्‍ता सुहैल शाहीन ने देश वासियों को बधाई दी और कहा अब हमारा देश पूरी तरह से आजाद है।
सुहैल शाहीन ने ट्वीट किया, ‘आखिरी अमेरिकी सैनिक अफगानिस्‍तान से लौट गया। हमारे देश को पूरी आजादी मिल गई है। अल्‍लाह को धन्‍यवाद। सभी देशवासियों को दिली धन्‍यवाद।’ इसी के साथ अब पंजशीर घाटी को छोड़कर पूरे अफगानिस्‍तान पर तालिबान का नियंत्रण हो गया है। तालिबानी जहां देशभर में जश्‍न मना रहे हैं, वहीं राजधानी काबुल की सड़कों पर सन्‍नाटा पसरा है।
मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक तालिबान के लिए यह ऐतिहासिक जीत है। तालिबान ने हमेशा से ही अफगानिस्‍तान में विदेशी सेनाओं की मौजूदगी को अपनी संप्रभुता के खिलाफ बताते रहे हैं। अमेरिकी सैनिकों के अफगानिस्‍तान से चले जाने के बाद अब देश के नए शासकों को कई सवालों का जवाब देना होगा। तालिबान के ऊपर अब अफगानिस्‍तान के पुनर्निर्माण की बड़ी और पेचीदा जिम्मेदारी है और इसी पर उसका भविष्य निर्भर करेगा। तालिबान ने ऐलान किया है कि वह एक ऐसी कार्यकारी सरकार बनाएंगे जिसमें सभी पक्षों और गुटों को शामिल किया जाएगा। इसमें अफगानिस्‍तान के अल्‍पसंख्‍यकों को भी स्थान दिया जाएगा।
अफगानिस्तान में 19 साल 8 महीने तक चली जंग के बाद अमेरिकी सैनिक अफगानिस्‍तान से लौट गए हैं। इस जंग के दौरान उन्‍हें 2461 सैनिकों से हाथ धोना पड़ा। अफगानिस्‍तान से जाते-जाते भी अमेरिका को आईएसआईएस के भीषण हमले का सामना करना पड़ा। काबुल से आखिरी अमेरिकी विमान के उड़ने के बाद जो बाइडेन ने कहा- अब अफगानिस्तान में हमारी 20 साल की सैन्य उपस्थिति खत्म हो गई है।

Previous articleअमेरिकी सैनिकों के जाते ही तालिबान ने पंजशीर घाटी में नार्दर्न अलायंस की चौकी पर किया हमला
Next articleगाजा पट्टी में तनाव खत्म करने के लिए बातचीत की प्रक्रिया शुरू करें फिलिस्तीन और इजराइल : भारत

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here