• कंपनी ने रिपोर्ट के आधार पर उपचारात्मक कार्रवाई की

नई दिल्ली। आईटी नियम 2021 के अनुसार, व्हाटसएप ने 46 दिनों की अवधि के लिए अपनी दूसरी मंथली रिपोर्ट पब्लिश की है जो कि 16 जून से 31 जुलाई तक का डाटा है। कंपनी ने कहा है कि व्हाटसएप पर 3,027,000 इंडियन अकाउंट्स पर बैन लगाया गया है। व्हाटसएप के एक प्रवक्ता ने कहा, “पिछले कुछ वर्षों में, व्हाटसएप ने अपने यूजर्स को प्लेटफॉर्म पर सुरक्षित रखने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और अन्य अत्याधुनिक तकनीक, डाटा वैज्ञानिकों और विशेषज्ञों और प्रक्रियाओं में लगातार निवेश किया है।” तो चलिए जानते हैं इन इंडियन अकाउंट्स को आखिर क्यों बैन किया गया है।
कैसे पता चलता है कि अकाउंट भारतीय है: अगर किसी भी नंबर के आगे +91 लगा होता है तो वह भारतीय नंबर होता है। क्योंकि भारत का कंट्री कोड +91 है। रिपोर्ट के अनुसार, व्हाटसएप को 16 जून से 31 जुलाई के बीच अकाउंट सपोर्ट (137), बैन अपील (316), अन्य सपोर्ट (45), प्रोडक्ट सपोर्ट (64) और सेफ्टी (32) में 594 यूजर रिपोर्ट मिलीं। इस अवधि के दौरान, 74 अकाउंट पर कार्रवाई की गई। कंपनी का कहना है कि वह अपने प्लेटफॉर्म का गलत इस्तेमाल करने वाला का पता लगाने और उसे रोकने के लिए उपलब्ध अनएन्क्रिप्टेड जानकारी पर निर्भर होता है। इसमें यूजर रिपोर्ट, प्रोफाइल फोटो, ग्रुप फोट और डिटेल्स के साथ-साथ एडवांस एआई टूल और रिसोर्स शामिल हैं।व्हाटसएप ने समझाया कि अकाउंट एक्संड का मतलब उन मामलों से है जहां कंपनी ने रिपोर्ट के आधार पर उपचारात्मक कार्रवाई की। कार्रवाई करने का अर्थ है या तो किसी अकाउंट पर बैन लगाना या फिर शिकायत के परिणामस्वरूप पहले से बैन अकाउंट को रिस्टोर करना। कुछ रिपोर्ट का रिव्यू किया जा सकता है लेकिन उनपर कार्रवाई नहीं की जाती है जिसमें यूजर्स को अपने अकाउंट का एक्सेस करने या कुछ सर्विसेज का इस्तेमाल करने की आवश्यकता होती है।
यूजर्स ने बैन अकाउंट की सर्विसेज बहाल करने के लिए अनुरोध किया हो और अनुरोध अस्वीकार कर दिया गया है, या रिपोर्ट किया गया अकाउंट भारतीय कानूनों या कंपनी की शर्तों का उल्लंघन नहीं करता है, शामिल हैं। जिन्हें बैन किए जाने की जरूरत होती है और वो भी तब जब यह एंड-टू-एंड एन्क्रिप्टेड हैं: उन अकाउंट्स के अलावा जिनके लिए कंपनी को दुरुपयोग या स्पैम भेजने की शिकायतें मिलती हैं, व्हाटसएप यह देखने के लिए कि प्लेटफॉर्म का दुरुपयोग कौन कर रहा है, व्यवहारिक संकेतों पर निर्भर करता है।

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