काबुल। अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में नए हुक्मरान तालिबान के विशेष बलों ने समान अधिकारों की मांग कर रहीं अफगान महिलाओं पर हवा में गोलीबारी की, जिसके कारण उनका विरोध मार्च अचानक से रोक दिया गया। तालिबान लड़ाकों ने पिछले महीने अफगानिस्तान के अधिकतर हिस्से पर कब्जा कर लिया था, और उन्होंने 20 साल तक संघर्ष के बाद अमेरिकी बलों की यहां से पूरी तरह वापसी का जश्न मनाया।
काबुल में पिछले कुछ दिन में दूसरी बार महिलाओं के मार्च की शांतिपूर्ण तरीके से शुरुआत हुई थी। प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति पैलेस की ओर मार्च करने से पहले अफगानिस्तान के रक्षा मंत्रालय के बाहर उन अफगान जवानों को श्रद्धांजलि दी जो तालिबान से लड़ते हुए मारे गए। प्रदर्शनकारी मरियम नैबी ने कहा, ‘हम यहां अफगानिस्तान में मानवाधिकार हासिल करने आए हैं। मैं अपने वतन से मुहब्बत करती हूं। मैं हमेशा यहीं रहूंगी।’ जैसे ही प्रदर्शनकारी महिलाएं राष्ट्रपति पैलेस तक पहुंचीं, एक दर्जन तालिबान लड़ाके भीड़ में घुस आए और हवा में गोलीबारी करने लगे जिससे महिलाओं में अफरा-तफरी मच गई।
कबीरी नाम की महिला ने बताया कि तालिबान लड़ाकों ने आंसूगैस के गोले भी छोड़े। आपको बताते चलें कि तालिबान ने 1996 से 2001 तक अपने पिछले शासन की तुलना में इस बार अधिक नरम इस्लामी शासन और समावेशी सरकार का वादा किया है। लेकिन अधिकतर अफगानों, खासकर महिलाओं को इस बात का संशय और आशंका है कि पिछले दो दशक में उन्हें जो हक मिले हैं, वे खत्म हो जाएंगे।

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