नई दिल्ली। अफगानिस्तान पर कब्जे के बावजूद पंजशीर से दूरी रहने के बाद अब तालिबान ने इस इलाके में जंग शुरू कर दी है। दोनों पक्ष पंजशीर में अपना-अपना दबदबा होने का दावा कर रहे हैं। पहले तालिबान ने रविवार को दावा किया कि उसने पंजशीर प्रांत के सभी जिलों पर नियंत्रण कर लिया है और अब खबर है कि इलाके में जारी गोलीबारी के बीच रेजिस्टेंस फ्रंट के प्रवक्ता की मौत हो गई है। रेजिस्टेंस फोर्स से जुड़े कई ट्विटर हैंडलों से भी रेजिस्टेंस फ्रंट के प्रवक्ता फहीम दश्ती की मौत की जानकारी दी गई है। एक ट्वीट में लिखा है, ‘भारी मन से हम रेजिस्टेंस फ्रंट के प्रवक्ता फहीम दश्ती की तालिबानी आतंकियों के हमले में हुई मौत की जानकारी दे रहे हैं।’ हालांकि, ट्वीट में इसके अतिरिक्त कुछ नहीं बताया गया है। पंजशीर में बढ़ते तालिबान के खतरे के बीच दश्ती अक्सर हर अपडेट ट्वीट किया करते थे। उन्होंने रविवार को भी ट्वीट कर यह जानकारी दी थी कि तालिबानी लड़ाकों को इस इलाके से खदेड़ दिया गया है। दश्ती की मौत की खबर ऐसे समय आई है जब शुक्रवार रात से ही पंजशीर को लेकर तालिबान और रेजिस्टेंस फ्रंट के बीच जंग तेज हो गई है। फहीम दश्ती जमात-ए-इस्लामी पार्टी के वरिष्ठ नेता थे और साथ में वह फेडरेशन ऑफ अफगान जर्नलिस्ट्स के भी सदस्य थे। तालिबान ने रविवार को दावा किया कि उसके लड़ाकों ने पंजशीर पर कब्जा कर लिया गया। तालिबान के एक प्रवक्ता ने कहा कि पंजशीर के सभी जिला मुख्यालय, पुलिस मुख्यालय और सभी कार्यालयों पर कब्जा कर लिया गया है। तालिबान ने कहा कि विपक्षी बलों के कई हताहत भी हुए हैं। वाहनों, हथियारों को भी नुकसान पहुंचा है। रेजिस्टेंस फ्रंट के नेता ने एक ट्वीट में तालिबान के दावे का खंडन करते हुए कहा कि प्रतिरोध बलों ने रविवार को तालिबान से पंजशीर के पेरियन जिले पर फिर से कब्जा कर लिया था और तालिबान को भारी नुकसान पहुंचाया था। पंजशीर प्रांत के प्रमुख नेता अहमद मसूद ने रविवार को कहा कि वह तालिबान से बातचीत को तैयार हैं। घाटी में लड़ाई को खत्म करने के लिए उन्होंने धार्मिक विद्वानों के प्रस्तावों का स्वागत किया है। अफगानिस्तान में राष्ट्रीय प्रतिरोध मोर्चा (एनआरएफ) के प्रमुख अहमद मसूद ने समूह के फेसबुक पेज पर यह घोषणा की है। एनआरएफ सैद्धांतिक रूप से मौजूदा समस्याओं को हल करने के लिए सहमत है। मसूद ने फेसबुक पोस्ट में कहा कि लड़ाई को तत्काल समाप्त यह विकल्प अच्छा है।

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