हरिद्वार! हिंदी पखवाड़ा-2021 के अंतर्गत हिंदी प्रकोष्ठ, नागालैण्ड विश्वविद्यालय की ओर से गुरूवार को एक दिवसीय ऑनलाइन संगोष्ठी का आयोजन किया गया! वर्तमान समय में हिंदी भाषा के समक्ष चुनौतियां विषय पर आयोजित संगोष्ठी में देशभर से हिंदी विभाग के विशेषज्ञों, प्रोफेसरों, शिक्षकों ने भाग लिया! अपराह्न 1 बजे से अपराह्न सवा दो बजे तक संगोष्ठी का आयोजन हुआ! मुख्य-अतिथि प्रो. अमोद शर्मा (विभागाध्यक्ष, कृषि अर्थशास्त्र विभाग) नागालैण्ड विश्वविद्यालय ने हिंदी भाषा की जरूरत और इसे और सुदृढ़ बनाए जाने पर जोर दिया! अतिथि वक्ता डॉ. राकेश कुमार चौरसिया तथा रोंगसेनकला आओ ने हिंदी को भारत की मातृ भाषा, सम्मान और देश का गौरव बताया! कहा कि हिंदी भाषा बोलने, लिखने, पढ़ने में सरल है! हिंदी को आम जन की भाषा बनाने के लिए अभी भी राष्ट्रीय स्तर पर जन जागरूकता अभियान की जरूरत है! मंच संचालन डॉ. राधारानी देवी (सहायक आचार्या, विज्ञान विभाग) ने किया! हिंदी अधिकारी नागालैंड विश्वविद्यालय आशीष कुमार संगोष्ठी में शामिल सभी अतिथियों का धन्यवाद किया! इस अवसर पर राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के कार्यक्रम अधिकारी अशोक पाल ने हिंदी भाषा के प्रसार को लेकर जमीन पर कार्य किये जाने की बात कही! कहा कि इसकी शुरुआत स्कूलों से ही करनी होगी! शिक्षक स्कूलों में हिंदी पर जोर देगें, हिंदी में बात करेंगे, तभी छात्रों का भी रूझान हिंदी की तरफ बढ़ेगा और वह अपने परिवार और आस पड़ोस के लोगों को इसके प्रति प्रेरित कर पाएंगे! शिक्षक अशोक पाल ने इसके लिए केंद्रीय विद्यालय नंबर-1 रूड़की के प्राचार्य वीके त्यागी, उप प्राचार्य श्रीमती अंजु सिंह तथा शिक्षक पहल सिंह की भी प्रशंसा की! कहा कि प्राचार्य, उप प्राचार्य व शिक्षक पहल सिंह बच्चों, अभिभावकों से हिंदी भाषा मे बात कर उनका दिल जीत रहे हैं और हिन्दी के प्रति उनकी रूचि को बढ़ा रहे हैं! यह हिंदी भाषा को बढ़ावा देने के लिए एक अच्छा और सराहनीय कदम है! इससे हिन्दी भाषा के प्रति छात्रों तथा आम जन की सोच को आगे बढ़ाने में अवश्य ही मदद मिलेगी! उन्होंने सभी शिक्षको से स्कूलों में हिन्दी में बात करने का आह्वान किया!