नई दिल्ली। पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू पार्टी महासचिव केसी वेणुगोपाल से मिलने दिल्ली जाएंगे। उनका दिल्ली में पंजाब मामलों के प्रभारी हरीश रावत से भी मिलने का कार्यक्रम है। सिद्धू और कांग्रेस के वरिष्ठ नेतृत्व के बीच बैठक 28 सितंबर के बाद पहली बार होने जा रही है, जब उन्होंने सोशल मीडिया पर अपना इस्तीफा पोस्ट करते हुए कहा था कि वह पंजाब के भविष्य और उसके कल्याणकारी एजेंडे से समझौता नहीं कर सकते। आपको बता दें कि सिद्धू के अचानक इस्तीफे ने कांग्रेस के लिए एक नई उथल-पुथल शुरू कर दी। इससे पहले पार्टी अंदरूनी कलह को नियंत्रित करने के लिए संघर्ष कर रही थी। पार्टी में ही सिद्धू को कई नेता महत्वकांक्षी मानते हैं। यह भी कहा गया कि वह खुद को कैप्टन का उत्तराधिकारी मानते थे। रावत के पहले के ट्वीट के अनुसार, सिद्धू पार्टी नेताओं के साथ राज्य कांग्रेस के संगठनात्मक मामलों पर चर्चा करने के लिए राष्ट्रीय राजधानी पहुंच रहे हैं। उन्होंने 12 अक्टूबर को ट्वीट किया, “नवजोत सिंह सिद्धू 14 अक्टूबर को वेणुगोपाल के कार्यालय (दिल्ली में) में पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी से संबंधित कुछ संगठनात्मक मामलों पर चर्चा के लिए मुझसे और केसी वेणुगोपाल से मुलाकात करेंगे।” पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने वाले नवजोत सिंह सिद्धू ने बुधवार को कहा कि वह उन्हें दिए गए सम्मान के लिए हमेशा कांग्रेस आलाकमान के आभारी रहेंगे। साथ ही उन्होंने जोर दिया कि वह कभी भी समझौता नहीं कर सकते। सिद्धू ने कहा कि जो लोग पंजाब के लिए उनके प्यार को समझते हैं वे कभी उन पर कोई आरोप नहीं लगाएंगे। उन्होंने ट्विटर पर अपना वीडियो साझा किया जिसमें उन्होंने पंजाब से जुड़े कई मुद्दों पर चर्चा की। सिद्धू ने कहा, ‘मुझे पंजाब से इश्क है और जो इसे समझते हैं वो कभी मुझ पर कोई आरोप नहीं लगाएंगे। हर जगह मेरी प्रतिभा को नजरअंदाज किया गया। राजनीति में पांच को 50 बनाया जा सकता है और 50 को शून्य में बदला जा सकता है।’ आपको बता दें कि सिद्धू के साथ कांग्रेस के केंद्रीय नेताओं की यह बैठक कांग्रेस वर्किंग कमेटी (सीडब्ल्यूसी) की बैठक से दो दिन पहले होने जा रही है, जिसमें पंजाब समेत पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव एजेंडे में हैं। पंजाब में कांग्रेस पिछले कई महीनों से उथल-पुथल में है। पहले पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने इस्तीफा दिया और केंद्रीय नेतृत्व पर अपमान करने का आरोप लगाया। इसके बाद नए नवेले मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के मंत्रिमंडल में कुछ नियुक्तियों पर सिद्धू ने नाखुशी जाहिर कर दी।