- भारत की भी बढ़ सकती हैं परेशानी
कोलंबो । श्रीलंका में महामारी कोविड-19 के घातक डेल्टा वैरियंट के नए म्यूटेट फार्म की पहचान की गई है। वैज्ञानिकों ने इस स्ट्रेन को बी.1.617.2. एवाई 104 नाम दिया है। यह श्रीलंका में मिला कोरोना वायरस का तीसरा म्यूटेट फॉर्म है। कोरोना का डेल्टा वैरियंट (बी.1.617.2) अत्यंत ही संक्रामक है। इसी वैरियंट के कारण भारत में अप्रैल-मई महीने में कोरोना ने भयानक तबाही मचाई थी। अब श्रीलंका में इसके नए वैरियंट के मिलने से भारत की चिंता एक बार फिर बढ़ गई है। दुनियाभर में संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ने के पीछे डेल्टा वैरियंट ही मुख्य कारण है। यहां तक कि बड़ी संख्या में टीका लगवा चुकी आबादी पर भी इसके प्रभाव दिखाई दिए हैं। हालांकि, इसके सब-टाइप ‘एवाई 104’ की संक्रमण क्षमता का अभी पता नहीं चला है। अधिकारियों ने कहा कि इसके नमूनों को आगे विश्लेषण के लिए हॉगकॉग की प्रयोगशालाओं में भेजा गया है। श्री जयवर्द्धनेपुरा विश्वविद्यालय में अनुसंधानकर्ताओं ने एवाई 104 का पता लगाया। सरकारी विश्वविद्यालय के आण्विक और कोशिका जीव विज्ञान विभाग में निदेशक डॉ. चंदिमा जीवादरा ने कहा कि नए उत्परिवर्तन के सामने आने के बाद देश में अब तक वायरस के तीन स्वरूप सामने आ चुके हैं। उन्होंने कहा कि पहला स्वरूप बी.411 था, जो मूल सार्स-सीओवी-2 वायरस का प्रकार है। दूसरा बी.1.617.2. एवाई 28 था और अब यह तीसरा स्वरूप आया है।
उन्होंने कहा कि यह गौर करने की बात है कि नया स्वरूप उत्तर, उत्तर-मध्य और दक्षिणी प्रांतों में सामने आया है। अन्य स्वरूप पश्चिमी प्रांत (राजधानी कोलंबो) में सामने आए। इस बीच, स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने उत्तर-मध्य तथा दक्षिणी प्रांतों में कोविड-19 के प्रभाव वाले नये केंद्र बनने की चेतावनी दी है। स्वास्थ्य सेवा के उप महानिदेशक डॉ हेमंत हेरथ ने कहा कि स्वास्थ्य संबंधी दिशानिर्देशों का पालन नहीं करने की वजह से यह हुआ है। बिना नियमों के समारोह आयोजित किए गए। स्वास्थ्य मंत्री केहेलिया रामबुकवेला ने कहा कि 16 साल से अधिक उम्र की 75 प्रतिशत से अधिक आबादी और कुल आबादी के 61। 8 प्रतिशत हिस्से ने कोविड-19 रोधी टीकों की दोनों खुराक ले ली है।