बैंकों के निजीकरण बिल पास होता है तो समस्त देश के बैंक कर्मी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाएंगे :- शिव शंकर सिंह भारतीय बैंक अधिकारियों का राष्ट्रीयकरण महासंघ महासचिव दिल्ली प्रदेश
30 नवंबर, नई दिल्ली, दिल्ली के जंतर मंतर पर बैंककर्मियों ने निजीकरण के विरोध में विशाल धरना प्रदर्शन किया। बैंकों के निजीकरण के विरोध में बैंक बचाओ देश बचाओ नारे के साथी का धरना प्रदर्शन हुआ । इस धरना प्रदर्शन में भारत के विभिन्न राज्यों से सभी बैंक का एकत्रित हो गए थे सबका यही मानना था कि सरकार बैंकों का निजीकरण करके 120 करोड़ बैंक धारको के साथ के साथ छल कर रही है । बैंकों का निजीकरण राष्ट्रीय में नहीं है । सभी राज्यों से आये बैंक कर्मियों की भारत यात्रा मंगलवार को दिल्ली के जंतर मंतर पर समाप्त हुई। इसमें सरकार को चेताया गया कि अगर सरकार ने अपने निजीकरण के निर्णय को वापस नहीं लिया तो आंदोलन और तेज़ होगा।
मदरलैंड वॉइस से बात करते हुए आयोजन महासचिव
केनरा बैंक ऑफिसर्स एसोसिएशन व अखिल भारतीय बैंक अधिकारियों का राष्ट्रीयकरण महासंघ महासचिव दिल्ली राज्य से शिव शंकर सिंह ने कहा कि बैंक सुरक्षित देश सुरक्षित। उन्होंने बताया की सरकार अगर हमारी मांगे पूरी नहीं करती है तो पूरे देश के बैंककर्मी
अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जा सकते हैं ।
सरकारी बैंकों के निजीकरण के विरोध में बैंक अधिकारियों के सबसे बड़े संगठन ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स कन्फेडरेशन (AIBOC) के आह्वान पर ‘बैंक बचाओ, देश बचाओ’ अभियान के तहत देश के अलग-अलग राज्यों में पैदल मार्च किया गया और रैलियाँ निकाली गईं। बैंक बचाओ, देश बचाओ अभियान के तहत भारत यात्रा पर निकले बैंकरों ने मंगलवार 30 नवम्बर को दिल्ली के जंतर-मंतर पर बड़ा विरोध प्रदर्शन किया। इसके बाद AIBOC की ओर से जो जन जागरूकता अभियान 24 नवंबर से भारत यात्रा के साथ शुरू हुआ था, आज उसका समापन दिल्ली में किया गया।
बैंक कर्मियों ने बैंक के निजीकरण के खिलाफ आवाज उठाई। इनका कहना है कि सरकार संसद में जो बिल लाने जा रही है उससे बैंकों के निजीकरण का रास्ता साफ होगा और रोजगार के अवसर कम होंगे। साथ ही किसानों, छोटे व्यवसायियों, स्वयं सहायता समूह समेत कमजोर वर्गों के लिए ऋण सुविधा भी लगभग खत्म हो जाएगी।
आपको बता दें कि केंद्र सरकार दो सरकारी बैंकों का निजीकरण करने की बड़ी तैयारी कर रही है। इसी के चलते संसद के इस शीतकालीन सत्र में बैंकिंग कानून संशोधन विधेयक लाया जा सकता है। इससे सरकार को बैंकिंग नियमों में बदलाव करने का अधिकार मिल जाएगा। वहीं जिन दो बैंकों का निजीकरण करने के तैयारी चल रही है, उसका भी रास्ता साफ़ हो जाएगा। ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स कन्फेडरेशन (एआईबीओसी) ने सरकार की ऐसी कोशिशों का विरोध करते हुए 30 नवंबर से संसद सत्र के दौरान दिल्ली में बड़ा धरना प्रदर्शन किया।
अधिकारियों को अखिल भारतीय किसान सभा (एआईकेएस) के विजू कृष्णन ने भी संबोधित किया, जिन्होंने केंद्र सरकार से बैंक के निजीकरण के प्रस्ताव को वापस लेने का आग्रह किया, उसी तरह जैसे कि विवादास्पद कृषि कानून अब निरस्त कर दिए गए हैं। एआईकेएस संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) का एक घटक है, जो किसानों के आंदोलन का नेतृत्व कर रहा है। मंगलवार को प्रदर्शन में शामिल होने वालों में कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस के नेता भी शामिल थे। कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने पूछा कि-न तो लोग, न ही कर्मचारी, फिर बैंकों के निजीकरण से किसे फायदा होगा।