नई दिल्ली । कोरोना काल में कंपनियों ने अपने कर्मचारियों का घर से काम की सुविधा दी थी। कोरोना के मामलों में कमी के बाद कई कंपनियों ने अपने कर्मचारियों को ऑफिस बुलाना शुरू कर दिया है, लेकिन आधी से अधिक कंपनियों ने अब भी अपने कर्मचारियों के लिए घर से ही काम करने का विकल्प खुला रखा है। कुछ कंपनियां तो परमानेंट घर से काम करने के लिए कर्मचारियों की भर्ती शुरू कर दी है। सीआईईएल एचआर के हाल में किए गए सर्वे में यह बात सामने आई है।
सन 2020 में कोरोना महामारी के संक्रमण को रोकने के लिए पूरे देश में लॉकडाउन लगाया गया था। तब कंपनियों ने अपने कर्मचारियों को घर से काम करने की सुविधा दी थी। कई कंपनियों के अधिकारियों का कहना है कि यह व्यवस्था लंबे समय तक जारी रहेगी। मोंडलीज और टाटा स्टील जैसी कंपनियों ने कहा कि वे ऐसे कर्मचारियों की भर्ती कर रही हैं, जो परमानेंट घर से काम करेंगे। दूसरी ओर मारुति सुजुकी, एमफेसिस और आईटीसी हफ्ते में कुछ दिन कर्मचारियों को ऑफिस बुला रही हैं। उनका कहना है कि यह व्यवस्था लंबे समय तक जारी रहेगी।
सीआईईएल एचआर के चीफ एग्जीक्यूटिव आदित्य मिश्रा ने कहा कि अभी जो कर्मचारी घर से काम कर रहे हैं, उनकी सेलरी में कोई बदलाव नहीं हुआ है, लेकिन जिन्हें परमानेंट घर से काम करने के लिए भर्ती किया जा रहा है, उन्हें 15 फीसदी कम सेलरी दी जा रही है। सर्वे के मुताबिक नई भर्तियों में करीब 10 फीसदी ऐसे लोग हैं जो परमानेंट घर से काम करेंगे। इस सर्वे में सीआईईएल एचआर ने देशभर में आईटी, आईटीईएस, ईकॉमर्स, बीएफएसआई, रिक्रूटमेंट, कसल्टिंग और एडटेक सेक्टर की करीब 600 कंपनियों की थाह ली। इसमें करीब 1000 लोगों ने हिस्सा लिया।
मोंडलीज की एचआर हेड शिल्पा वैद्य ने कहा हम लिमिटेड लेवल पर रिमोट रोल्स पर विचार कर रहे हैं। इसकी वजह यह है कि हम अपने बिजनस और कर्मचारी के लिए बेस्ट पॉलिसीज चाहते हैं। ऑफिस से काम करने वाले और घर से काम कर रहे कर्मचारियों की सैलरी में कोई अंतर नहीं है। दिसंबर 2020 में स्टील कंपनी टाटा स्टील ने एजाइल वर्किंग माडेल की पॉलिसी अपनाई थी।
इसके तहत नौकरियों को दो कैटगरी में रखा गया था। पहली कैटगरी में कर्मचारियों को देश में किसी भी जगह से परमानेंट काम करने का सुविधा दी गई। दूसरी कैटगरी ऐसे अधिकारियों की थी, जो किसी खास जगह पर तैनात हैं। ये लोग साल में जितने दिन चाहें, घर से काम कर सकते हैं। टाटा स्टील के प्रवक्ता ने कहा कि कंपनी दोनों तरह की पोजीशन के लिए भर्ती कर रही है। सेलरी में कोई अंतर नहीं है।
देश की सबसे बड़ी ऑटो कंपनी मारुति सुजुकी हाइब्रिड मॉडल अपना रही है। कंपनी के एग्जीक्यूटिव बोर्ड के मेंबर राजेश उप्पल ने कहा कि कंपनी ने पॉलिसी को लचीला बनाया है, ताकि उत्पादन और एफिशियंसी प्रभावित नहीं हो। सर्वे के मुताबिक अधिकांश बड़ी कंपनियां कुछ कामों के लिए परमानेंट वर्क फ्रॉम होम को बढ़ावा दे रही हैं। मिड साइज की आईटी/आईटीईएस कंपनियों, बैंकिंग, इन्फ्रास्ट्रक्चर, रिटेल, केमिकल, लॉजिस्टिक्स और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर्स में 50 फीसदी से अधिक कर्मचारी ऑफिस से काम कर रहे हैं।

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