बगदाद । आतंकवादियों के लिए ऐतिहासिकता और खूबसूरती के कोई मायने नहीं होते उनकी तो बस खून खराबा ही भाषा होती है। ऐसी ही अमूल्य धरोङर उत्तरी इराक में पुरातत्वविदों ने खोज निकाली है। उन्होंने लगभग 2,700 साल पुरानी खूबसूरत पत्थरों पर नक्काशी का पता लगाया है। ये पत्थर मोसुल में मिले है। ये पत्थर उस वक्त मिले जब अमेरिका और इराक की टीमें प्राचीन मशकी गेट के पुनर्निर्माण के लिए काम कर रहे थे। इसे इस्लामिक स्टेट (आईएस) के आतंकवादियों ने 2016 में तबाह कर दिया था। इराक में दुनिया के कई प्राचीन शहर हैं। जिसमें बेबीलोन भी शामिल है। लेकिन पिछले कुछ सालों में कई पुरातात्विक स्थलों को उग्रवादियों ने उड़ा दिए थे। पुरातत्वविदों की टीम को आठ संगमरमर की पत्थरें मिली हैं, जिस पर बारीक छेनी वाले युद्ध के दृश्य, अंगूर की बेलें और ताड़ के पेड़ बने हैं। इराकी स्टेट बोर्ड ऑफ एंटीक्विटीज एंड हेरिटेज ने कहा कि वे असीरियन राजा सन्हेरीब के समय से हैं, जिन्होंने 705 से 681 ईसा पूर्व प्राचीन शहर नीनवे पर शासन किया था।
माशकी गेट नीनवे में सबसे बड़ा था, और शहर के आकार और शक्ति का प्रतीक था। 1970 के दशक में गेट का पुनर्निर्माण किया गया था, लेकिन 2016 में आईएस आतंकवादियों द्वारा बुलडोजर से नष्ट कर दिया गया था। इराक के मोसुल विश्वविद्यालय और अमेरिका के पेन्सिलवेनिया विश्वविद्यालय के विशेषज्ञ माशकी गेट साइट को पहले की तरह बहाल करने के लिए काम कर रहे हैं। इराक में 10,000 से अधिक पुरातात्विक स्थल मिले हैं। पड़ोसी सीरिया भी क़ीमती खंडहरों का घर है, जिसमें प्राचीन शहर पलमायरा भी शामिल है, जहां साल 2015 में आईएस द्वारा बेल के भव्य मंदिर को नष्ट कर दिया गया था। अमेरिकी सैनिकों और उनके सहयोगियों ने बेबीलोन के खंडहरों को तबाह कर दिया। ये उस वक्त हुआ जब 2003 में अमेरिका द्वारा इराक पर आक्रमण के बाद इसे सेना के शिविर के रूप में इस्तेमाल किया गया था।

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