वेतन भत्ते बढाने, कर्मचारी कम नहीं करने आदि है मांग
भोपाल। कोरोना संकट के इस दौर में निजी कंपनियों की तरह बीएचईएल (भेल) के ठेका श्रमिकों पर भी छंटनी एवं अन्य तरह की तलवार लटक रही है, जिससे निपटने श्रमिकों ने एकजुटता दिखाना प्रारंभ कर दिया है। ठेका श्रमिकों व सोसायटी कर्मचारियों की एकजुटता देखते हुए भेल प्रबंधन ने बैठककर बात करने का आश्वासन दिया है। ठेका मजदूर संघ, भेल ठेका श्रमिक कल्याण संघ के नेतृत्व में ठेका श्रमिकों सहित अन्य श्रमिकों की यूनियनें एकजुट हैं। वहीं 1300 सोसायटी कर्मचारियों ने एकजुटता दिखाते हुए वेतन भत्तों को बढ़ाने, 25 फीसद कर्मचारी कम नहीं करने, महीने में 20 दिन की बजाय 30 दिन काम कराने की मांग की है। गौरतलब है कि भेल में करीब सात हजार ठेका श्रमिक है।
प्रबंधन ठेकेदारों को कर्मचारियों का वेतन एकमुश्त देता है
फिर ठेकेदार ठेका श्रमिकों को वेतन देते हैं। कोरोना के कारण भेल ने समय पर ठेकेदारों को पैसे नहीं दिए थे, जिससे समय पर ठेका श्रमिकों को वेतन नहीं दिया गया और ठेका श्रमिक भेल प्रबंधन के विरोध में उतर आए। ठेका मजदूर संघ के अध्यक्ष मनोज सिंह जादौन, भेल ठेका श्रमिक कल्याण संघ के अध्यक्ष विनोद वाघेला ने बताया कि भेल प्रबंधन ठेका श्रमिकों को समय पर वेतन नहीं दे रहा है। 25 फीसद कर्मचारी कम करना चाह रहा है। महीने में 20 दिन काम कराने का फैसला लिया है। इसका सभी ठेका श्रमिक विरोध कर रहे हैं। भेल में संचालित अलग-अलग संस्थाओं में सालों से ठेका श्रमिक काम कर रहे हैं। अब भेल प्रबंधन कोरोना का बहाना बनाकर धीरे-धीरे सबको निकालना चाह रहा है, जिसका हम विरोध कर रहे हैं। संस्थाओं में काम करने वाली 164 महिलाओं ने पिछले दिनों भेल फाउंड्री गेट-पांच पर प्रदर्शन किया था। इसके बाद नौकरी से निकाली गईं महिलाओं को फिर से नौकरी पर लिया गया था।
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