दिल्ली और लखनऊ में भी किया है कंसल्टेंट का काम
भोपाल। प्रदेश की राजधानी भोपाल और इंदौर के मेट्रो का डिपो बनाने के लिए सलाहकार का काम रेल इंडिया टेक्निकल एंड इकॉनोमिक सर्विस (राइट्स) कंपनी को दिया गया है। राइट्स ने ही दिल्ली और लखनऊ में मेट्रो का डिपो बनाने के लिए कंसल्टेंट का काम किया है। इस कंपनी को ई-टेंडरिंग के जरिए यह काम मेट्रो ने सौंपा है। अब मेट्रो के रूट को इंडियन रेलवे से हर झंडी मिल जाएगी। वहीं, डिपो की पूरी डिजाइन तैयार कर काम शुरू कर दिया जाएगा। इतना ही नहीं राइट्स कंपनी को मेट्रो के डिपो के लिए लगने वाली बिजली का आंकलन कर भी रिपोर्ट देने के लिए कहा गया है। दरअसल, मध्यप्रदेश मेट्रो रेल कारपोरेशन लिमिटेड के अंतर्गत भोपाल एवं इंदौर शहर में मेट्रो रेल परियोजना का क्रियान्वयन किया जा रहा है।
रत्नागिरी तिराहे तक दो अनुमोदित मेट्रो कॉरिडोर
भोपाल में एम्स से करोंद चौराहा व भदभदा चौराहे से रत्नागिरी तिराहे तक दो अनुमोदित मेट्रो कॉरिडोर का लगभग 30 किमी का निर्माण किया जा रहा है। इंदौर में अनुमोदित मेट्रो रिंग कॉरिडोर (बंगाली स्क्वायर-भंवरसाला-एयरपोर्ट-पलासिया-बंगाली स्क्वायर) का लगभग 31.5 किमी का निर्माण कार्य किया जा रहा है। निर्माण के अगले चरण की ओर अग्रसर होते भोपाल एवं इंदौर मेट्रो रेल स्टेशन की निविदाएं जारी की जा रही हैं। मालूम हो कि मप्र मेट्रो रेल कारपोरेशन लिमिटेड के लिए नया लोगो बनाया गया है। इसमें स्पेक्ट्रम के प्राथमिक रंग यानी नीला, लाल और हरे रंग का समावेश किया गया है। नीला रंग जिम्मेदारी, लाल रंग ऊर्जा और हरा रंग सुरक्षा को दर्शाता है।
प्रदर्शित तीन अक्षर मेट्रो की लाइन ट्रैक और विभिन्न्
मेट्रो के ‘लोगो” में प्रदर्शित तीन अक्षर मेट्रो की लाइन ट्रैक और विभिन्न् डॉट्स मेट्रो स्टेशनों को दर्शाते हैं। मप्र मेट्रो रेल कारपोरेशन लिमिटेड का पुनर्गठन किया गया है। भारत सरकार एवं मध्यप्रदेश शासन के संयुक्त उद्यम की बैठक विगत दिसंबर माह में हो चुकी है। इसमें पांच-पांच नामांकित संचालक शामिल हैं। यह मप्र मेट्रो रेल कारपोरेशन लिमिटेड से संबंधित सभी निर्णय लेने के लिए सक्षम होंगे। अब मेट्रो में आवश्यतक पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया भी प्रचलन में है।
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