एयर क्वालिटी इंडेक्स क्रमश: 112 और 124 तक आया
भोपाल। प्रदेश की राजधानी भोपाल और औदयोगिक क्षेत्र मंडीदीप की हवा अभी साफ हो रही है। भोपाल में एयर क्वालिटी इंडेक्स 112 और मंडीदीप में 250 से घटकर 124 तक आ गया है। शहर को फिलहाल वायु प्रदूषण से राहत मिल गई है। मंडीदीप की हवा भी साफ होने लगी है। दोनों ही जगह हवा में प्रदूषण की जांच चौबीसों घंटे होती है। दोनों जगह प्रदूषण की जांच करने वाले आधुनिक स्टेशन हैं, जो हवा में हानिकारक तत्वों के स्तर को बताते हैं। यह सेंसर के आधार पर काम करते हैं। इनके आंकड़े प्रदेश भर में डिस्प्ले पर उसी समय दिखाए जा रहे हैं।
वायु प्रदूषण में बढ़ोतरी होती है, क्योंकि नमी पाकर
ठंड के दिनों में नमी का स्तर अधिक होता है। नमी बढ़ने से वायु प्रदूषण में बढ़ोतरी होती है, क्योंकि नमी पाकर धूल, धुएं के कणों, हानिकारक गैसों व अन्य तत्वों में भारीपन आ जाता है। भारी होने के कारण ये निचली सतह पर होते हैं। जब धूप और शुष्क मौसम होता है, तो ये कण हल्के रहते हैं और वातावरण में उपरी सतह तक फैल जाते है। इस वजह से गर्मी के दिनों में प्रदूषण का स्तर कम हो जाता है। बता दें कि ठंड और नमी का असर कम होने के कारण वायु प्रदूषण में गिरावट आई है।भोपाल में सोमवार सुबह पीएम-2.5 का अधिकतम स्तर 162 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर तक आ गया, जो कि 15 दिन पहले 300 से अधिक था।
वायु प्रदूषण के लिए जिम्मेदार बाकी तत्व भी तय मापदंड
ये धूल के बहुत छोटे आकार के कण होते हैं। इसी तरह पीएम-10 का स्तर 172 रिकॉर्ड हुआ है, जो कि 400 से अधिक रहता था। ये के कण होते हैं। दोनों तरह के कण नग्न आंखों से दिखाई नहीं देते हैं। वायु प्रदूषण के लिए जिम्मेदार बाकी तत्व भी तय मापदंड से कम हैं। इस वजह से वायु प्रदूषण में गिरावट आई है। भोपाल की तुलना में मंडीदीप की स्थिति थोड़ी अलग है। यहां फरवरी में शुरू के चार दिन तक एयर क्वालिटी इंडेक्स 250 से अधिक था, जो अब घटकर 124 तक आया है। यहां बड़े उद्योग है जो चौबीसों घंटे चलते रहते हैं। कई बार कुछ में से तय गुणवत्ता से अधिक हानिकारक अपशिष्ट व कणों का उत्सर्जन होने लगता है। इस वजह से प्रदूषण बढ़ जाता है।
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