हाल के दिनों में देश के सड़कों पर पुरा विपक्ष अपने राजनीतिक स्वार्थों को साधने के लिए नागरिकता कानून के विषय में व्यापक भ्रम फैला रहा है। इस भ्रम को दूर करने के लिए और जनमानस में सही जानकारी पहुंचाने के लिए दिल्ली विश्वविद्यालय के बुद्धिजीवी, शिक्षक और छात्रों ने आर्ट्स फैकल्टी, दिल्ली विश्वविद्यालय में ओपन टॉक का आयोजन किया। इस कार्यक्रम में सैकड़ों के संख्या में बुद्धिजीवी और शोधार्थी पहुंचे।
वक्तागण और सभी उपस्थित दर्शक ने एक स्वर में नागरिकता कानून का समर्थन किया तथा इस कानून को पड़ोसी देशों में हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन और सिखों के साथ किये जा रहे ऊत्पिडन का समाधान माना। आजादी के बाद भी इन देशों मे रह रहे अल्पसंख्यकों की स्थिति समय के साथ बद से बदतर हो रही है, ऐसे में भारत का यह नैतिक दायित्व है की उनके अधिकारों और स्वाभिमान को संरक्षण दे।
आज के कार्यक्रम में आए सभी लोगों ने सरकार और संसद को इस कानून के लिए बधाई दी। कार्यक्रम के बाद लोगों ने तिरंगे के साथ मार्च भी किया और समाज के सभी वर्गों के लोगों से इस कानून का समर्थन करने की अपील भी की। कार्यक्रम में प्रसिद्ध इतिहासकार प्रोफ़ेसर कपिल कुमार,प्रोफ़ेसर संगीत कुमार रागी राजनीति विज्ञान विभाग दिल्ली विश्वविद्यालय,प्रोफ़ेसर जे.पी दुबे वयस्क और सतत शिक्षा विभाग दिल्ली विश्वविद्यालय, डॉ राकेश पांडेय प्रेजिडेंट NDTF,चारु प्रज्ञा नेशनल लीगल हेड BJYM,दिग्विजय सिंह नेशनल हेड स्टडी सर्कल BJYM,अनंत प्रकाश नेशनल को-हेड स्टडी सर्कल BJYM,समेत सेकड़ो छात्र एकत्रित हुए। सभी ने एक स्वर में CAA का समर्थन किया