भारत में पूर्वोत्तर नागरिकता संशोधन कानून को लेकर चल रहा विरोध अब थोड़ा शांत होता दिखाई दे रहा है, जहां मंगलवार को कर्फ्यू में ढील दिए जाने के साथ ही सड़कों पर वाहन आम दिनों की तरह चलते दिखाई दिए लेकिन पश्चिम बंगाल में पांचवें दिन भी सड़क और रेल यातायात को रोककर प्रदर्शनों का दौर जारी रहा। केरल में भी 30 संगठनों ने प्रदर्शन कर विरोध जताया और रोडवेज बसों पर पथराव कर उनके शीशे तोड़ दिए। पुलिस ने 233 लोगों को हिरासत में लिया है।

विभिन्न हिस्सों में मोबाइल इंटरनेट सेवा बंद
बता दें कि असम की राजधानी गुवाहाटी में कर्फ्यू में ढील दिए जाने के बाद दुकानें और व्यापारिक प्रतिष्ठान खुले दिखाई दिए। सड़कों पर जमकर वाहन भी दौड़ते रहे। राज्य के डिब्रूगढ़ जिले में सुबह 6 बजे से कर्फ्यू में 14 घंटों के लिए ढील दी गई। हालांकि राज्य के विभिन्न हिस्सों में मोबाइल इंटरनेट सेवा अब भी बंद चल रही है। मेघालय की राजधानी शिलांग में में भी 13 घंटों के लिए कर्फ्यू में ढील दिए जाने पर हिंसा की कोई घटना सामने नहीं आई।

नागरिकता संशोधन कानून को लेकर तनाव चरम पर
पश्चिम बंगाल में नागरिकता संशोधन कानून को लेकर तनाव चरम पर है। मंगलवार को भी नार्थ 24 परगना जिले के बशीरहाट एरिया में प्रदर्शनकारियों ने सड़कों पर उतरकर जमकर नारेबाजी की है। राज्य में पिछले कुछ दिन में 354 प्रदर्शनकारी हिरासत में लिए जा चुके हैं। रेल अधिकारियों का कहना है कि उत्तरी बंगाल में कई ट्रेन देरी से चल रही हैं या उन्हें पूरी तरह रद्द करना पड़ा है। राज्य के मालदा, उत्तर दिनाजपुर, मुर्शिदाबाद, हावड़ा और नार्थ व साउथ 24 परगना जिलों में इंटरनेट सेवाएं अब भी बंद हैं। राज्य सरकार ने राष्ट्रीय जनगणना रजिस्टर के कार्यक्रम को भी स्थगित कर दिया है।

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