चमोली। उत्तराखंड के चमोली जिले में ग्लेशियर टूटने के बाद मची तबाही पर किसान नेता राकेश टिकैत ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने हर संभव मदद करने का वादा किया है। हरियाणा के चरखी दादरी में भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि हम प्रशासन के साथ मिलकर लोगों की हर संभव मदद करेंगे।
वहां 50-60 लोग मारे जा
किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा, उत्तराखंड के चमोली में ग्लेशियर टूटा है। रिपोर्ट के मुताबिक वहां 50-60 लोग मारे जा चुके हैं। पानी बहुत तबाही मचाते हुए आ रहा है, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड में सब जगह अलर्ट कर दिया गया है।” मालूम हो कि राकेश टिकैत पिछले 70 दिनों से ज्यादा समय से कृषि कानूनों के विरोध में आंदोलन कर रहे हैं। उनके साथ हजारों की संख्या में किसान भी दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर डटे हुए हैं। किसानों की मांग कृषि कानूनों को वापस लेने और एमएसपी पर कानून बनाए जाने की है।
ऋषिगंगा घाटी में रविवार को ग्लेशियर के टूटने
उल्लेखनीय है कि उत्तराखंड के चमोली जिले की ऋषिगंगा घाटी में रविवार को ग्लेशियर के टूटने से अलकनंदा और इसकी सहायक नदियों में अचानक आई विकराल बाढ़ के बाद गढ़वाल क्षेत्र में अलर्ट जारी किया गया। राज्य एनडीआरएफ की डीआईजी रिद्धिम अग्रवाल ने बताया, ”ऋषिगंगा ऊर्जा परियोजना में काम करने वाले 150 से अधिक कामगार संभवत: इस प्राकृतिक आपदा से सीधे तौर पर प्रभावित हुए हैं। आशंका है कि इस हादसे में बहने की वजह से 100-150 लोगों की मौत हो गई है। ऊर्जा परियोजना के प्रतिनिधियों ने मुझे बताया है कि परियोजना स्थल पर मौजूद रहे 150 कामगारों से उनका संपर्क नहीं हो पा रहा है।
एनडीआरएफ टीम और जिला प्रशासन को सतर्क कर
बाढ़ से चमोली जिले के निचले इलाकों में खतरा देखते हुए राज्य की एनडीआरएफ टीम और जिला प्रशासन को सतर्क कर दिया गया है। वहीं, दिल्ली से भी एनडीआरएफ की टीम को एयरलिफ्ट करके घटनास्थल पर भेजा जा रहा है। इसके अलावा, सेना के जवान भी रवाना हो गए हैं। वहीं, मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा है कि नदी के बहाव में कमी आई है जो राहत की बात है और हालात पर लगातार नजर रखी जा रही है।
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