एक लाख 60 हजार 700 से अधिक निरस्त दावों को परीक्षण कर रहे कलेक्टर

भोपाल । प्रदेश में पात्र वनवासियों को उनकी भूमि के वनाधिकार पत्र जल्द ही मिलेंगे। सरकार ने इसके लिए अधिकारियों को निर्देशित कर दिया है। सूत्रों के अनुसार, मुख्यमंत्री के निर्देश पर प्रदेश में पूर्व में निरस्त दावों के पुन: परीक्षण का कार्य किया जा रहा है। अब तक प्रदेश में परीक्षण के बाद 28 हजार 600 से अधिक वनवासियों को वनाधिकार पत्र सौंपे जा चुके हैं। प्रदेश में जिला कलेक्टरों द्वारा एक लाख 60 हजार 700 से अधिक निरस्त दावों के पुन: परीक्षण का कार्य किया जा रहा है।
जानकारी के अनुसार अब तक प्रदेश में वनाधिकार अधिनियम लागू होने के बाद से अब तक 2 लाख 68 हजार 710 वनवासियों को वनाधिकार पत्र सौंपे जा चुके हैं। इनमें 2 लाख 35 हजार 58 दावे अनुसूचित जनजाति वर्ग के व्यक्तिगत श्रेणी के, 3 हजार 656 दावे अन्य वर्ग के वनवासियों के और करीब 30 हजार दावे वनवासियों के सामुदायिक श्रेणी के हैं।

एमपी वन मित्र पोर्टल तैयार

प्रदेश में वन भूमि के दावों के निराकरण के लिये एमपी वन मित्र पोर्टल तैयार किया गया है। पोर्टल में ग्राम पंचायतों की प्रोफाइल अपडेट की गई है। प्रदेश में 13 दिसंबर 2005 में वन भूमि पर काबिज ऐसे दावेदारों को व्यक्तिगत वनाधिकार पत्र दिये जा रहे हैं, जो 3 पीढ़ी अर्थात 75 वर्ष से वन क्षेत्र में रह रहे हैं। अधिनियम के प्रावधानों में वन भूमि के परंपरागत रूप से सामुदायिक उपयोग किये जाने से सामुदायिक वनाधिकार पत्र ग्राम सभाओं को दिये जा रहे हैं। परंपरागत रूप से सामुदायिक उपयोग में चरनोई के अधिकार को रास्ते के अधिकार, मछली पालन के अधिकार, घाट के अधिकार, धार्मिक पूजा-स्थल के अधिकार गौंद वन उत्पाद संग्रहण के अधिकार, जलाशयों में पानी के उपयोग के अधिकार सहित अन्य अधिकार शामिल हैं। अनुसूचित जनजाति और परंपरागत वन निवासी जिन्हें वनाधिकार पत्र दिये गये हैं, उन्हें राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं, जिनमें कपिल धारा कूप, भूमि सुधार, डीजल विद्युत पंप और आवास भी मंजूर कर दिये गये हैं। प्रदेश के डिंडौरी जिले में विशेष पिछड़ी जनजाति समूह के बैगा जनजाति की 7 बसाहटों में हैबिटेट राईट्स दिये गये हैं। हैबिटेट राईट्स के मामले में मध्यप्रदेश देशभर में अग्रणी है।

#Savegajraj

Previous articleमहिलाओं से अपराध करने वालों के सस्पेंड होंगे ड्राइविंग लाइसेंस लेना होगा कैरेक्टर सर्टिफिकेट
Next articleअब विधानसभा में उठेगा विंध्य प्रदेश बनाने का मुद्दा

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here