सुप्रीम कोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश (CJI) टीएस ठाकुर की देखरेख में सीजी पावर एंड इंडस्टि्रयल सॉल्यूशंस लिमिटेड की फॉरेंसिक जांच होगी। धोखाधड़ी के चलते संकट से जूझ रही सीजी पावर ने शेयर बाजारों को यह जानकारी दी। जस्टिस ठाकुर तीन दिसंबर, 2015 से चार जनवरी, 2017 तक सीजेआइ रहे हैं।
आंतरिक जांच के क्रम में गंभीर अनियमितता के संकेत
अपने बयान में कंपनी ने कहा है कि जस्टिस ठाकुर जैसे कानून के विशेषज्ञ की देखरेख से जांच की प्रक्रिया में बहुत सहायता मिलेगी। कंपनी ने अगस्त में कहा था कि आंतरिक जांच के क्रम में उसे गंभीर अनियमितता के संकेत मिले हैं। इस दौरान कहा गया था कि कई मामलों में कंपनी के कर्मचारियों को ही कर्ज का फंड ट्रांसफर कर दिया गया है। इस तरह की गतिविधियों में कंपनी के कुछ नॉन-एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर्स के शामिल होने की बात भी सामने आई थी।
नॉन-एक्जीक्यूटिव चेयरमैन गौतम थापर को पद से हटाया
बता दें कि प्राथमिक जांच के बाद कंपनी बोर्ड ने 29 अगस्त को इसके नॉन-एक्जीक्यूटिव चेयरमैन गौतम थापर को पद से हटा दिया था। सीजी पावर को पिछले वित्त वर्ष में 652.38 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था। गौरतलब है कि कंपनी का कर्ज इसकी कुल संपत्ति से काफी ज्यादा हो चुका है।