रोम। इटली के विदेश मंत्रालय के अनुसार डेमोक्रैटिक रिपब्लिक ऑफ कॉन्गो में इटली के राजदूत की हत्या कर दी गई है। राजदूत लूका अटेनेसियो के अलावा एक सैनिक की भी मौत हो गई है। रिपोर्ट के मुताबिक उनकी गाड़ी पर हमला किया गया था जब वह संयुक्त राष्ट्र के काफिले के साथ जा रहे थे। मंत्रालय ने अपने बयान में कहा है फार्नेसीना बहुत दुख के साथ पुष्टि कर रहा है कि गोमा में कॉन्गो के इतालवी राजदूत लूका अटेनेसियो और कनाबिनियेरी के एक सैनिक की मौत हो गई है।

वह विद्रोहियों का इलाका है। लूका संयुक्त राष्ट्र

जिस स्थान पर हमला हुआ है, वह विद्रोहियों का इलाका है। लूका संयुक्त राष्ट्र के विश्व खाद्य प्रोग्राम के काफिले में शामिल थे। कॉन्गो को सन 1960 में आजादी मिली थी और तब से पहली बार जनवरी 2019 में लोकतांत्रिक और शांतिपूर्ण तरीके से सत्ता परिवर्तन हुआ था और फेलिक्स त्शिसेकेडी राष्ट्रपति बने थे। उन्होंने विवादित चुनाव में शक्तिशाली जोसफ कबीला से सत्ता प्राप्त की थी। इस चुनाव में बड़े पैमाने पर धांधली करने और कबीले के त्शिसेकेडी को सत्तासीन कराने के लिए गुप्त समझौता करने के आरोप लगे जबकि कथित तौर पर लीक हुए चुनावी आंकड़ों के मुताबिक विपक्षी उम्मीदवार को वास्तव में जीत मिली थी।

यूरोप के बराबर और संसाधन संपन्न कॉन्गों

आकार में पश्चिमी यूरोप के बराबर और संसाधन संपन्न कॉन्गों में दशकों तक भ्रष्ट तानाशाही रही है। इसके साथ ही कई गृहयुद्ध भी हुए और बाद में कई पड़ोसी देशों से भी विवाद हुआ। संयुक्त राष्ट्र मिशन के तहत शांति स्थापित करने और सुरक्षा कार्य कॉन्गो प्रशासन को सौंपने के लिए वहां 15 हजार सैनिक तैनात हैं।

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