अगले साल से हीरे उगलेगी खदान, हो चुकी है तैयार
भोपाल। दिसंबर 2022 से पहले प्रदेश के छतरपुर जिले के बकस्वाहा की बंदर हीरा खदान में खनन का काम शुरू हो सकता है। इस खदान में 34.20 मिलियन कैरेट हीरे का भंडार है, जिसका अनुमानित बाजार मूल्य 55 हजार 49 करोड़ रुपये है।कंपनी ने दिसंबर 2019 में सबसे अधिक (30.5 फीसद की हिस्सेदारी और 11.50 फीसद रायल्टी) की बोली लगाकर यह खदान 50 साल के लिए लीज पर ली है।एक्सेल माइनिंग एंड इंडस्ट्रीज लिमिटेड ने खनन की योजना तैयार कर ली है, जो पहले चरण के फारेस्ट क्लीयरेंस (वन विभाग की मंजूरी) के लिए वन विभाग को भेजी जा रही है। कंपनी को खदान तक पानी ले जाने की मंजूरी मिल चुकी है और बिजली पहुंचाने पर भी काम चल रहा है।
मंत्री बृजेंद्र सिंह यादव के सामने प्रस्तुतिकरण
कंपनी ने परियोजना के तहत किए जा रहे कामों को लेकर खनिज साधन मंत्री बृजेंद्र सिंह यादव के सामने प्रस्तुतिकरण दिया। इसमें बताया कि कंपनी तय समय से पहले खदान से खनन शुरू कर देगी। इससे पहले की तैयारी के लिए कंपनी को पांच साल (वर्ष 2024) का समय दिया गया था। इस खदान से राज्य सरकार को 23632 करोड़ रुपये राजस्व मिलने की उम्मीद है। खदान शुरू होने के बाद भारत हीरा उत्पादक शीर्ष 10 देशों में शामिल हो जाएगा। सरकार ने वर्ष 2007 में डायमंड कंपनी रियो टिंटो से खदान का सर्वे कराया था।
कठोर शर्तों के चलते बीच में ही परियोजना छोड़
कंपनी ने 500 हेक्टेयर क्षेत्र में सर्वे किया था, पर कठोर शर्तों के चलते बीच में ही परियोजना छोड़ दी।विभाग के प्रमुख सचिव सुखवीर सिंह ने बताया कंपनी ने भारतीय भू-वैज्ञानिक सर्वेक्षण से सर्वे करा लिया है। 364 हेक्टेयर क्षेत्र में फैली खदान का 342.13 हेक्टेयर क्षेत्र वन विभाग के अधीन है। इस भूमि के बदले 10 साल पहले रियोटिंटो कंपनी को देने के लिए चयनित गई भूमि वन विभाग को दी जाएगी। पहले चरण के फॉरेस्ट क्लीयरेंस के बाद पर्यावरणीय मंजूरी ली जाएगी।
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