वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि सरकार देश में कारोबार सुगमता यानी Ease of Doing Business के लिए कई तरह के कदम उठा रही है।20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज का एलान करते हुए वित्त मंत्री ने रविवार को कहा कि भारतीय कंपनियां अब अनुमति वाले विदेशी बाजारों में अपनी प्रतिभूतियों यानी सिक्योरिटीज की सीधी लिस्टिंग करा पाएंगी।उन्होंने इसके साथ ही कहा कि स्टॉक एक्सचेंज पर नॉन-कंवर्टेबल डिबेंचर लिस्ट करने वाली निजी कंपनियों को लिस्टेड कंपनी नहीं माना जाएगा। वित्त मंत्री ने साथ ही कहा कि देश में बिजनेस शुरू करने से जुड़ी रैंकिंग में सुधार और IBC से Ease of Doing Business की सूची में भारत की स्थिति बेहतर हुई है।

इस मामले को लेकर उन्होंने कहा कि नए और आत्मनिर्भर भारत के लिए पब्लिक सेक्टर एंटरप्राइजेज पॉलिसी लाई जाएगी।उन्होंने कहा कि इस पॉलिसी के तहत सभी सेक्टर्स को निजी क्षेत्र के लिए खोला जाएगा। नई नीति के तहत कुछ सेक्टर्स को स्ट्रेटिजक सेक्टर के रूप में अधिसूचित किया जाएगा।उन्होंने कहा कि अधिसूचित स्ट्रैटिजिक सेक्टर में कम-से-कम एक पब्लिक सेक्टर कंपनी रहेगी हालांकि, रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण सेक्टर में भी निजी क्षेत्रों को भी शामिल किया जाएगा। वित्त मंत्री के मुताबिक रणनीतिक रूप से अधिसूचित सेक्टर में चार से अधिक पब्लिक सेक्टर कंपनियां नहीं होंगी।उन्होंने कहा कि किसी रणनीतिक क्षेत्र में अगर चार से अधिक कंपनियां होंगे तो उनका विलय किया जाएगा।

अपने बयान में आगे वित्त मंत्री ने कहा कि रणनीति क्षेत्र को छोड़कर अन्य सेक्टर्स में काम कर रही सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों का निजीकरण किया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 12 मई को घोषित 20 लाख करोड़ रुपये के पैकेज की घोषणा के पांचवें और आखिरी चरण में वित्त मंत्री ने यह बात कही

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