संयुक्त राष्ट्र स्वास्थ्य एजेंसी और उसके साझेदारों के एक नये अध्ययन में हुआ खुलासा

नई दिल्ली। संयुक्त राष्ट्र स्वास्थ्य एजेंसी और उसके साझेदारों ने एक नये अध्ययन में पाया कि दुनिया भर में तीन में से लगभग एक महिला ने अपने जीवनकाल में शारीरिक या यौन हिंसा का अनुभव किया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन की जारी रिपोर्ट एक अध्ययन पर आधारित है। एजेंसी का कहना है कि यह अध्ययन महिलाओं के खिलाफ हिंसा पर सबसे बड़ा अध्ययन है। इसमें यह भी पाया गया कि युवतियां जो किसी रिश्ते में थीं उनमें से एक चौथाई ने 25 वर्ष की आयु पूरी होने तक हिंसा का अनुभव किया।

आंकड़े में 2010 से 2018 की अवधि को शामिल किया गया है। इसमें कोविड-19 महामारी

आंकड़े में 2010 से 2018 की अवधि को शामिल किया गया है। इसमें कोविड-19 महामारी के प्रभाव को शामिल नहीं किया गया है। अध्ययन के अनुसार महिलाओं के खिलाफ घरेलू हिंसा में वृद्धि हुई है क्योंकि कई जगहों पर सरकारों ने लॉकडाउन और अन्य प्रतिबंधों का आदेश दिया जिसके कारण कई लोग घर में घर के अंदर ही रहे। डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टेड्रोस एडहेनोम ग्रेबेयेसुस ने कहा कि महिलाओं के खिलाफ हिंसा हर देश और संस्कृति में है, जिससे लाखों महिलाओं और उनके परिवारों को नुकसान पहुंचा है और कोविड​-19 महामारी के चलते यह बढ़ गई है। उन्होंने सरकारों, व्यक्तियों और समुदायों से समस्या के हल में मदद करने का आग्रह किया।

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