कोलकाता। इन दिनों पश्चिम बंगाल के सत्ता के गलियारों में सबसे बड़ा सवाल यही है कि भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान और बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली भाजपा में शामिल होंगे या नहीं। दो दिन बाद कोलकाता में होने वाली पीएम मोदी की रैली में सौरव के शामिल होने की अटकलें लगाई जा रही हैं। इस बीच सौरव गांगुली के एक जवाब ने इन चर्चाओं पर प्रश्नचिह्न लगा दिया है। सौरव गांगुली ने एक टीवी चैनल से बातचीत में राजनीति जॉइन करने के सवाल पर बांग्ला में जवाब दिया, ‘सोबई सोब किछुर जोन्यो होय ना।
एक रोल के लिए नहीं बना होता है। उनके इस बयान से कयास
मतलब कि हर कोई, हर एक रोल के लिए नहीं बना होता है। उनके इस बयान से कयास लगाए जा रहे हैं कि इशारों-इशारों में सौरव ने भाजपा को न कह दिया है। भाजपा के अनुसार रविवार को कोलकाता के ब्रिगेड मैदान में पीएम नरेंद्र मोदी के साथ टीम इंडिया के पूर्व कप्तान के मंच साझा करने से रैली की रौनक और भी बढ़ जाएगी।
सौरव गांगुली इन सवालों से लगातार दूरी बनाए हुए हैं। एक निजी मीडिया चैनल के प्रतिनिधि द्वारा पूछे गए सवाल के जवाब में सौरव ने कहा मैं एक खिलाड़ी हूं। अपने सवाल क्रिकेट तक ही सीमित रखिए। जबकि, सौरव के मित्र और सीपीएम के नेता अशोक भट्टाचार्य ने कहा कि उन्होंने मुझे कॉल किया था।
वह जो कुछ कर रहे हैं, उससे संतुष्ट हैं और फिलहाल राजनीति
उन्होंने कहा कि वह जो कुछ कर रहे हैं, उससे संतुष्ट हैं और फिलहाल राजनीति में जाने का कोई इरादा नहीं है। दूसरी ओर, भाजपा नेताओं को इस बारे में ज्यादा कुछ जानकारी नहीं है। भाजपा के प्रदेश महासचिव सायन्तन बसु ने कहा कि सौरव रैली में आएंगे या नहीं, इस बारे में ठीक से कुछ नहीं कह सकता। अगर आते हैं तो उनका स्वागत करेंगे।
दरअसल, ऐसा पहली बार नहीं है जब सौरव गांगुली के भाजपा में शामिल होने की चर्चा हो रही हो। पिछले कई महीनों से राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि गांगुली को भाजपा सीएम पद का उम्मीदवार बना सकती है। गृहमंत्री अमित शाह और भाजपा के अन्य नेता हमेशा से ये कहते आ रहे हैं कि बंगाल का मुख्यमंत्री कोई बंगाली ही बनेगा, बाहरी नहीं।
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