नई दिल्ली। भारत में आम जनता के लिए कोरोना वायरस की वैक्सीन आधे मार्च के बाद किसी भी समय उपलब्ध हो सकती है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने शुक्रवार को संसद में यह जानकारी दी। हर्षवर्धन ने संसद में बताया कि इस चरण में 50 साल से अधिक वायु वाले लोग शामिल होंगे। ऐसा इसलिए क्योंकि 50 साल से अधिक आयु वर्ग वालों को कोरोना वायरस का ज्यादा खतरा रहता है।
वैक्सीनेशन की शुरुआत इस साल 16 जनवरी को हुई
बता दें कि भारत में कोरोना वायरस वैक्सीनेशन की शुरुआत इस साल 16 जनवरी को हुई थी। तब से लेकर फरवरी के पहले सप्ताह तक स्वास्थ्य कर्मी, पुलिस और फ्रंट लाइन वर्करों को वैक्सीन लगाई जा रही है। स्वास्थ्य मंत्री ने संसद में बताया कि वैक्सीनेशन के पहले चरण में सार्वजनिक और निजी दोनों क्षेत्रों के लगभग एक करोड़ स्वास्थ्य कर्मियों के टीकाकरण का लक्ष्य रखा गया था, जो कि काफी तेजी से आगे भी बढ़ रहा है। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि दूसरी चरण में लगभग 2 करोड़ फ्रंटलाइन वर्करों का टीकाकरण किया जाना है, 2 फरवरी से देश के कई स्थानों में दूसरे चरण का वैक्सीनेशन शुरू भी हो गया है। उन्होंने कहा कि पहले और दूसरे चरण के पूरा होने के बाद तीसरा चरण शुरू होगा जिसमें 50 साल से अधिक के सभी लोगों को टीका लगाया जाएगा।
तारीख बताना संभव नहीं हो सकता
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि इसके लिए एक तारीख बताना संभव नहीं हो सकता है, लेकिन संभावना है कि मार्च के दूसरे, तीसरे या चौथे सप्ताह में वैक्सीनेशन कभी शुरू हो जाएगी। मंत्री ने कहा कि आगे की वैक्सीनेशन के लिए सरकार के पास पर्याप्त खुराक है और यूनिवर्सल इम्यूनाइजेशन प्रोग्राम के तहत मौजूदा कोल्ड स्टोरेज सुविधाओं को मजबूत किया गया है और टीकों के भंडारण के लिए उपयोग किया जा रहा है। 1 फरवरी तक, सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को 2 करोड़ से अधिक वैक्सीन की खुराक प्रदान की गई है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि देश में अब तक 56 लाख से अधिक लोगों को कोविड-19 रोधी टीका लगाया जा चुका है और टीकाकरण के बाद गंभीर प्रतिकूल प्रभाव या मौत हो जाने का कोई मामला सामने नहीं आया है। मंत्रालय में अवर सचिव मनोहर अगनानी ने कहा कि अब तक कुल 5636868 लोगों को टीका लगाया गया है, जिनमें से 5266175 स्वास्थ्यकर्मी और 370693 अग्रिम मोर्चे के कर्मी हैं। दो फरवरी को अग्रिम मोर्चे के कर्मियों के लिए टीकाकरण शुरू किया गया था।
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