नई दिल्ली। किसान आंदोलन पर केंद्र सरकार के असंवेदनशील रवैया अपनाने का आरोप लगाते हुए एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने गुरुवार को कहा कि अगर किसानों ने प्रदर्शन का शांतिपूर्ण रास्ता छोड़ दिया, तो देश में बड़ा संकट पैदा हो जाएगा और भाजपा सरकार इसके लिए जिम्मेदार होगी। बहुस्तरीय बैरिकेड और कंटीले तार लगाने तथा सड़कों पर कीलें ठोंके जाने को लेकर उन्होंने सरकार की आलोचना की और दावा किया कि ऐसा तो अंग्रेजों के शासन के दौरान भी नहीं हुआ था। पूर्व केंद्रीय कृषि मंत्री ने आरोप लगाया कि सरकार किसानों के मुद्दे को सुलझाने के प्रति इच्छुक ही नहीं है। पवार ने कहा, ”वे समस्या को सुलझाना ही नहीं चाहते। मैं चिंतित हूं कि आज जो किसान शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे हैं, अगर वे दूसरे रास्ते पर जाते हैं, तो यह एक बड़ा संकट बन जाएगा और भाजपा सरकार को इसकी जिम्मेदारी लेनी होगी। उन्होंने 10 विपक्षी दलों के सांसदों को गाजीपुर में प्रदर्शनकारी किसानों से मिलने की इजाजत न हीं देने को लेकर भी केंद्र सरकार की आलोचना की। उन्होंने कहा, ”वे विपक्षी सांसद महज किसानों का हालचाल जानने के लिए शांतिपूर्ण तरीके से वहां गये थे लेकिन उन्हें रोक दिया गया। यदि लोकतंत्र में ऐसा होगा तो उन्हें सरकार को आज या कल इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ेगी।

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