नई दिल्ली। भारत में अगले दिनों में दो चर्चित अरबपतियों के बीच एक बड़ी टक्कर देखने को मिल सकती है। इनमें एक हैं भारत के सबसे अमीर शख्स और रिलायंस इंडस्ट्रीज के मालिक मुकेश अंबानी और दूसरे हैं स्पेसएक्स और टेस्ला के मालिक एलन मस्क, जो आए दिन दुनिया के नंबर-1 अमीर शख्स बनते रहते हैं। कभी नंबर-1 तो कभी नबंर-2 उनका परमानेंट ठिकाना हो गया है।

अरबपति भारत में एक दूसरे से टकराने वाले हैं। हाल ही में

भविष्य में ये दोनों अरबपति भारत में एक दूसरे से टकराने वाले हैं। हाल ही में रिलायंस इंडस्ट्रीज की सब्सिडियरी कंपनी रिलायंस स्ट्रेटेजिक बिजनस वेंचर्स लिमिटेड यानी आरएसबीवीएल (आरएसबीवीएल) ने स्काईट्रान इनकॉर्पोरेशन में कई बार में 54.46 फीसदी हिस्सेदारी खरीद ली है। यह कंपनी ऑटोमेटेड टैक्सी पॉड बनाती है, जो भविष्य को देखते हुए ट्रैफिक के लिए एक बेहतर विकल्प साबित होगा। वहीं एलन मस्क की हाइपरलूप भी ऑटोमेटेड पॉड जैसा व्हीकल ही बनाने पर रिसर्च कर रही है। हाइपरलूप ने तो अपनी एक राइड की टेस्टिंग भी कर ली है। मुकेश अंबानी और एलन मस्क दोनों ही चुंबकीय ताकत पर दाव लगा रहे हैं। बात भले ही हाइपरलूप की करें या फिर स्काईट्रान की, दोनों के ही व्हीकल मैग्नेट पावर के आधार पर चलेंगे और दावा किया जा रहा है कि वह 240 किलोमीटर प्रति घंटे तक की स्पीड पकड़ सकते हैं।

भारत में काम चल रहा है। इसमें एक है मुंबई से पुणे के बीच कनेक्टिविटी

हाइपरलूप के 3 प्रोजेक्ट पर पहले से ही भारत में काम चल रहा है। इसमें एक है मुंबई से पुणे के बीच कनेक्टिविटी, दूसरा है बेंगलुरू एयरपोर्ट की कनेक्टिविटी और तीसरा है, चंडीगढ़ की दिल्ली से कनेक्टिविटी। कुछ समय पहले ही मुकेश अंबानी ने इस बात की घोषणा की थी कि वह इलेक्ट्रिक व्हीकल के लिए बैटरी बनाने के बिजनेस में घुसने वाले हैं।
मुकेश अंबानी ने स्काईट्रान में अपना निवेश बढ़ाकर अपने महत्वाकांक्षा का नमूना भी पेश कर दिया है। वहीं दूसरी ओर, टेस्ला ने भारत में एंट्री का काम शुरू कर दिया है, बेंगलुरू में तो इसने कंपनी रजिस्टर भी करा ली है और ऑफिस भी खोल लिया है। अब यहां एक बात ध्यान देने की यह है कि मस्क ने भारत में गिगाफैक्ट्री खोलने की भी इच्छा व्यक्त की थी।

गिगाफैक्ट्री रीन्यूएबल एनर्जी में काम करती है और इलेक्ट्रिक गाड़ियों के

मस्क की गिगाफैक्ट्री रीन्यूएबल एनर्जी में काम करती है और इलेक्ट्रिक गाड़ियों के लिए लीथियम-आयन बैटरियां भी बनाती है। यानी आने वाले दिनों में मुकेश अंबानी और एलन मस्क दोनों ही इलेक्ट्रिक व्हीकल की बैटरियां बनाने के बिजनस में घुसेंगे। सीधे तौर पर देखा जाए तो दोनों ही मैग्नेट की पावर का इस्तेमाल करते हैं, लेकिन हाइपरलूप एक शहर से दूसरे शहर या दूसरे राज्य तक यात्रा करने के कॉन्सेप्ट वाली टेक्नोलॉजी है, जबकि स्काईट्रान शहर के अंदर ही यात्रा का नेटवर्क बनाने वाली टेक्नोलॉजी है। वहीं दोनों में एक और बड़ा अंतर यह है कि हाइपरलूप राज्य सरकारों के साथ मिलकर काम कर रही है, जबकि स्काईट्रान सीधे केंद्र सरकार के साथ काम कर रही है। हाइपरलूप अभी महाराष्ट्र सरकार, कर्नाटक सरकार और पंजाब सरकार के साथ काम कर रही है। पॉड टैक्सी का आइडिया भारत में सबसे पहले 2016 में नितिन गडकरी लाए थे, जिसके बाद 2017 में नीति आयोग ने तीन रैपिड ट्रांसपोर्ट सिस्टम को इजाजत दी।

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