सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को INX मीडिया मनी लांड्रिंग केस में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम की जमानत याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है। साथ ही प्रवर्तन निदेशालय (ED)को मामले में अब तक के जांच की स्टेटस रिपोर्ट सीलबंद लिफाफे में जमा कराने की अनुमति दी है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार सुनवाई के दौरान आज कोर्ट में ED ने चिदंबरम की जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में विरोध जताया। ED ने दावा किया कि हिरासत से भी चिदंबरम ने गवाहों को प्रभावित करने की कोशिशें जारी रखीं. INX मीडिया केस में पूर्व वित्त मंत्री व कांग्रेस नेता पी चिदंबरम की जमानत याचिका पर गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई की जा रही है।
पूरे सिस्टम से लोगों का विश्वास डगमगाया
प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रर्वतन निदेशालय की ओर से सॉलीसीटर जनरल तुषार मेहता ने जस्टिस आर बानुमाथी की अध्यक्षता वाली बेंच से कहा कि ये आर्थिक अपराध गंभीर प्रकृति के हैं। इससे केवल देश की अर्थव्यवस्था ही नहीं बल्कि पूरे सिस्टम से लोगों का विश्वास डगमगा गया। इस बेंच में जस्टिस एएस बोपन्ना और ऋषिकेश रॉय भी हैं। अपने बयान में सॉलीसीटर जनरल तुषार मेहता ने कहा, ‘ऐसा नहीं है कि पी चिदंबरम निर्दोष हैं और इन्हें अंधेरे में रखा गया। यह मामला केवल INX मीडिया का ही नहीं है, इसमें अन्य कंपनियां भी शामिल हैं, जिसने FIPB की मंजूरी के लिए आवेदन किया था।
शेयर होल्डिंग पैटर्न में 16 कंपनियां शामिल
इसके अलावा अपने बयान में आगे कहा कि सलांड्रिंग व शेयर होल्डिंग पैटर्न में 16 कंपनियां शामिल थीं। 12 विदेश अकाउंट थे, 12 विदेशी संपत्तियों की पहचान की गई, 16 देशों में ऐसी संपत्तियों का पता चला है जिसका लिंक पी. चिदंबरम से हो सकता है।