अविनाश भगत: जिस प्रकार से राज्य शासन घाटी में अमन बहाली को लेकर पूर्व में लगाई गईं पाबंदियों को एकएक कर हटाने में लगा हुआ है, उससे सकारात्मक नतीजों की उम्मीद तो लगाई जा सकती है परंतु शासन की यह कोशिशें कब रंग लायेगी, यह कह पाना फिलहाल संभव नहीं लगता है। हालांकि शासन की ओर से घाटी में पोस्टपेड मोबाइल सेवा को आज से बहाल कर दिया गया है लेकिन घाटी के जमीनी हालात कुछ और ही इशारा करते हैं। जिसकी ताजा मिशाल अगामी 24 अक्टूबर को देखने को मिलेगी। बता दें कि राज्य में पहली बार होने जा रहे बीडीसी चुनाव में घाटी में भाजपा के कई प्रत्याशियों को निर्दलीय चुनाव लड़ना है। जानकारी के मुताबिक घाटी में आतंकी हिंसा की आशंका है। जिसके कारण करीब 50 फीसदी सीटों पर प्रत्याशी भाजपा के चुनाव चिन्ह पर चुनाव नहीं लड़ रहे हैं।

घाटी में मौजूद अलगाववादी कभी भी बिगाड़ सकते हैं माहौल
मालूम हो कि घाटी में बीते 2 अगस्त को जारी सालाना अमरनाथ यात्रा के बीच राज्य के गृह विभाग ने अचानक एक एडवाइजरी जारी कर कश्मीर में मौजूद सभी पर्यटकों को फौरन वहां से निकल जाने की हिदायत दी थी। फिर उसके तीन दिन बाद यानि 5 अगस्त को सूबे से विवादित धारा 370 व अनुच्छेद 35ए को हटाए जाने के साथ ही कईं तरह की पाबंदियां लागू कर दी गईं। शासन ने यह कदम कानून व्यवस्था बनाए रखने तथा सुरक्षा की दृष्टि से ऐहतियात के तौर पर उठाए थे। सूत्रों का कहना है कि तब से लेकर आज तक इस प्रकार के लगातार खुफिया इनपुट्स शासन व केंद्र सरकार को मिल रहे हैं कि घाटी में मौजूद अलगाववादी, शरारती तत्वों से लेकर आतंकवादियों तक माहौल बिगाडने की कोशिश की जा रही है।

घाटी के जमीनी हालात चिंताजनक
परंतु खुफिया सूत्रों के मुताबिक घाटी में लगी पाबंदियों के 72वें दिन के बाद भी जमीनी हालात कम चिंताजनक नहीं हैं। इसका अंदाज इससे भी सहज लगाया जा सकता है कि गत दो दिन पूर्व सूबे के शासन की ओर से घाटी के आवाम को संबोधित करते हुए स्थानीय अखबारों में जो इश्तेहार निकाले गए, उसमें लोगों से हालात सामान्य बनाने के लिए शासन की मदद की अपील की गई थी।

310 सीटों के लिए मतदान
अगामी 24 अक्टूबर को सूबे में पहली बार बीडीसी के चुनाव होने जा रहे हैं। जिसमें 310 सीटों के लिए मतदान होना है। भाजपा 280 सीटों पर चुनाव मैदान में है। जिनमें घाटी की 137 सीटों में से भाजपा 120 सीट पर अपने प्रत्याशी खडे़ कर रही है। लेकिन भाजपा के लिए यह चुनौती ही है कि घाटी की इन 120 सीटों में से करीब 60 सीटों पर उनके नेता निर्दलीय चुनावी मैदान में उतरे हैं। दो दिन पूर्व नामांकन पत्र वापिस लेने की कवायद के बाद 27 बीडीसी चेयरमैन पद के लिए प्रत्याशी निर्विरोध चुनाव जीत गए। इसलिए अब 283 सीटों के लिए जम्मू, घाटी तथा लद्दाख में चुनाव होना है।

कांग्रेस ने लिया यूटर्न
बीडीसी के इस अहम चुनाव में घाटी आधारित पीडीपी तथा नेशनल कांफ्रेंस के बाद कांग्रेस ने भी यूटर्न लेते हुए इन चुनाव के बहिष्कार करने का ऐलान कर दिया। बता दें कि, पीडीपी तथा नेंका ने गत वर्ष हुए पंच तथा सरपंच चुनाव में भी बायकाॅट किया था जबकि कांग्रेस चुनाव मैदान में उतरी थी और उसे कुछ हद तक कामयाबी भी मिली थी। तब यह चुनाव निर्दलीय तौर पर सम्पन्न हुए थे। परंतु अब बीडीसी के चुनाव पार्टी चिन्ह पर भी लड़े जा रहे हैं। जम्मू संभाग में भाजपा बेहद मजबूत स्थिति में दिखाई देती है। उसका यहां कईं जगह मुकाबला पैंथर्स पार्टी के साथ है।

 

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