नई दिल्ली। दुनिया के कई देशों में जैसे-जैसे कोविड-19 रोधी टीकाकरण शुरू हो रहा है, कई देशों में सबसे पहले टीका लगवाने के लिए किए जा रहे भ्रष्टाचार के मामले सामने आ रहे हैं। लेबनान, पेरू, अर्जेंटीना में तो इस हद तक रसूखदार और सत्ताधारियों ने भ्रष्टाचार किए कि जनता के आक्रोश के कारण अदालत को बीच में आना पड़ा और कई केंद्रीय मंत्रियों को इस्तीफा तक देना पड़ा। दूसरी ओर, महंगे हवाई टिकट पर दूसरे देशों में टीका लगवाने के विकल्प भी चोरीछुपे अपनाए जा रहे हैं। लेबनान की सरकार प्राथमिकता के आधार पर अपने यहां 80 साल से अधिक उम्र के बुजुर्गों को टीका दे रही है। पर कुछ सांसदों ने ही टीकाकरण केंद्रों पर जाकर लाइन में खड़े बुजुर्गों को पीछे करके टीका लगवा लिया। इस मामले में 80 साल के एक बुजुर्ग ने अदालत में याचिका लगाकर कहा कि सांसद ने उसकी जगह आकर टीका लगवा लिया। यहां की दो राजकुमारियों के कथित रूप से चुपचाप अबूधाबी जाकर टीका लगवाने का खुलासा होने के बाद स्थानीय लोगों में आक्रोश पनपा। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, राजकुमारी ऐलेना और क्रिस्टीना ने पिछले महीने अबूधाबी में जाकर टीका लगवाया। दोनों राजकुमारियों की उम्र अभी 50 के आसपास है, ऐसे में वे स्पेन के उस प्राथमिकता वर्ग में नहीं आती जिसे अभी टीका दिया जा रहा है। यहां एक आर्मी जनरल के भी चोरी से टीका लगवाने का मामला सामने आया। पेरू में सैंकड़ों नेता व अफसरशाहों ने तब ही टीका लगवा लिया था, जब देश में आधिकारिक रूप से इसकी शुरूआत नहीं हुई थी। एक रिपोर्ट के जरिए इस बात का खुलासा होने के बाद देश में हंगामा मच गया। सरकार इतने दबाव में आ गई कि उसके विदेश मंत्री व स्वास्थ्य मंत्री को इस्तीफा देना पड़ा।
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