देश में एक साल के लिए आपातकाल लागू, संभावित विरोध को रोकने के लिए यंगून में चप्पे-चप्पे पर सैनिक तैनात

यंगून। म्‍यांमार में सेना ने तख्तापलट कर दिया है। इसके बाद देश नेता आंग सांग सू की और राष्‍ट्रपति यू विन म्यिंट को गिरफ्तार कर लिया गया है। सेना द्वारा संचालित टीवी पर बताया गया है कि सेना ने देश को अपने कब्‍जे में ले लिया है। इसके साथ ही एक साल के लिए आपातकाल घोष‍ित कर दिया गया है। पूर्व जनरल तथा उप-राष्‍ट्रपति मिंट स्‍वे को कार्यकारी राष्‍ट्रपति बनाया गया है। उन्‍हें सेना प्रमुख का भी दर्जा दिया गया है।
तख्तापलट के विरोध को कुचलने के लिए सड़क पर सेना तैनात की गई है। इसके साथ ही फोन लाइनों को बंद कर दिया गया है। इससे पहले एनएलडी के प्रवक्‍ता मयो न्‍यूंट ने कहा कि सेना ने राष्‍ट्रपति आंग सांग सू की और पार्टी के अन्‍य वरिष्‍ठ नेताओं को सोमवार सुबह छापेमारी कर हिरासत में ले लिया है। उन्‍होंने बताया सुबह-सुबह राष्‍ट्रपति आंग सांग सू की और अन्‍य नेताओं को नींद से ‘उठा कर हिरासत में ले लिया गया।

मयो ने आशंका जताई कि उन्‍हें भी जल्‍द ही हिरासत में लिया जा सकता है

इस बीच अमेरिका ने म्‍यांमार की सेना की कार्रवाई पर गहरी चिंता जताई है। राष्‍ट्रपति कार्यालय ह्वाइट हाउस की प्रवक्‍ता जेन पास्‍की ने कहा कि अमेरिका इन रिपोर्टों से चिंतित है कि म्‍यांमार की सेना ने देश के लोकतांत्रिक बदलाव को उलट दिया है और आंग सांग सू की को गिरफ्तार कर लिया है। इस घटना के बारे में राष्‍ट्रपति जो बाइडेन को राष्‍ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने जानकारी दी। जेन पास्‍की ने कहा अमेरिका म्‍यांमार की लोक‍तांत्रिक ताकतों को समर्थन देते हुए सेना से अपील करता है कि हिरासत में लिए गए सभी लोगों को अविलंब रिहा कर दिया जाए। अमेरिका चुनाव परिणाम बदलने या लोकतांत्रिक बदलाव में बाधा डालने के किसी भी प्रयास का विरोध करता है। उन्‍होंने चेतावनी दी कि अगर सैन्य प्रशासन ने अपने कदम वापस नहीं लिए तो अमेरिका बड़ी कार्रवाई करेगा।

जेन ने कहा कि अमेरिका म्‍यांमार के लोगों के साथ खड़ा है

सैन्‍य तख्‍तापलट की आशंका के बीच सोमवार सुबह से ही राजधानी नेपीडॉ में फोन लाइनें काम नहीं कर रही हैं। देश के चुनाव में नोबेल शांति पुरस्‍कार विजेता आंग सांग सू की की पार्टी एनएलडी की जोरदार जीत के बाद सोमवार को म्‍यांमार में संसद की बैठक होने वाली थी। सेना ने इस ‘तख्‍तापलट’ पर अभी कोई बयान नहीं दिया है। एक प्रत्‍यक्षदर्शी ने बताया कि यंगून शहर में हर तरफ सेना को तैनात कर दिया गया है। सरकारी टीवी ने कहा है कि वह तकनीकी कारणों से प्रसारण करने में अक्षम है। इससे पहले म्यांमार में तख्तापलट की साजिश रचे जाने की खबरों के बीच देश की सेना ने रविवार को दावा किया था कि वह संविधान की रक्षा और पालन करेगी और कानून के मुताबिक ही काम करेगी। इस बयान के साथ सेना ने सैन्‍य तख्‍तापलट की आशंका को खारिज किया था। म्यांमार में 1962 में तख्तापलट किया गया था, जिसके बाद 49 साल तक सेना का शासन रहा।

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