अभिभावकों ने डीईओ और बाल आयोग से की शिकायत

भोपाल। शहर के कुछ ‎निजी स्कूल बगैर अभिभावकों की अनुमति के ऑफलाइन परीक्षा ले रहे हैं। इसको लेकर अभिभावकों ने आपत्ति जताई है। उन्होंने इसकी शिकायत जिला शिक्षा अधिकारी (डीईओ) और मप्र बाल अधिकार संरक्षण आयोग से की है। राजधानी के निजी सीबीएसई स्कूलों में आजकल पहली से आठवीं और नौवीं व 11वीं की वार्षिक परीक्षाएं चल रही हैं। वहीं कुछ स्कूलों में छह मार्च से वार्षिक परीक्षाएं शुरू होने वाली है। सागर पब्लिक स्कूल रोहित नगर, नेहरू नगर स्थित कमला नेहरू स्कूल, शारदा विद्या मंदिर, सेंट जोसेफ को-एड स्कूल के खिलाफ अभिभावकों ने शिकायत की है। अभिभावक ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों ही तरह से परीक्षा कराने के लिए गुहार लगा रहे हैं।

बेटा नौवीं कक्षा में है और उसे जुलाई में कोरोना हुआ

बावड़िया कलां के एक अभिभावक ने शिकायत की है कि उनका बेटा नौवीं कक्षा में है और उसे जुलाई में कोरोना हुआ था। अभी उसकी दवाई चल रही है। ऐसे में वह स्कूल आकर ऑफलाइन परीक्षा में शामिल नहीं हो सकता है। इस कारण स्कूल ऑनलाइन परीक्षा भी आयोजित करें, लेकिन स्कूल प्रबंध ने कोई सुनवाई नहीं की। वहीं कुछ अन्य अभिभावकों ने भी बच्चों की तबीयत का हवाला देते हुए ऑनलाइन परीक्षा की मांग की है। इस संबंध में बाल आयोग ने कलेक्टर को पत्र लिखकर सागर पब्लिक स्कूल, रोहित नगर के खिलाफ कार्रवाई करने की अनुशंसा की है। राजधानी के निजी स्कूलों में इन दिनों नौवीं व बारहवीं की वार्षिक परीक्षाएं संचालित हो रही है।

अभिभावकों की शिकायत है कि ऑफलाइन परीक्षा में कठिन सवाल पूछे

कई स्कूलों में ऑफलाइन व ऑनलाइन दोनों मोड में परीक्षा हो रही हैं। अभिभावकों की शिकायत है कि ऑफलाइन परीक्षा में कठिन सवाल पूछे जा रहे हैं, जबकि ऑनलाइन परीक्षा में आसान सवाल पूछे जा रहे हैं। इससे विद्यार्थी भी परेशान हो रहे हैं। अरेरा कॉलोनी के रहवासी आशुतोष सिंह ने कहा कि बेटा 11वीं कक्षा में पढ़ता है। एक मार्च से उसकी परीक्षा ऑफलाइन शुरू हो गई है। स्कूल से ऑनलाइन परीक्षा की मांग की थी, लेकिन स्कूल प्रशासन ने मना कर दिया। इस संबंध में बाल आयोग में शिकायत की है। इस बारे में बाल आयोग के सदस्य ब्रजेश चौहान का कहना है ‎कि सागर पब्लिक स्कूल, रोहित नगर में अध्‍ययनरत कई छात्रों के अभिभावकों ने ऑनलाइन परीक्षा कराने की मांग की थी। इस संबंध स्कूल को निर्देश दिए थे, लेकिन स्कूल प्रबंधन ने मनमानी की है। कलेक्टर को भी पत्र लिखकर कार्रवाई करने की अनुशंसा की है।

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