फ्रैंकफर्ट। खनिज तेल का उत्पादन एवं निर्यात करने वाले देशों के गुट ओपेक और उसके सहयोगी देशों ने तेल उत्पादन में कटौतियों के अपने-अपने वर्तमान स्तर को बनाए रखने का फैसला किया। इस निर्णय से वायदा बाजार में कच्चे तेल में उछाल दिखा। उनका यह निर्णय ऐसे समय आया है जबकि कोरोना वायरस के नये स्वरूपों के संक्रमण के चलते आर्थिक गतिविधियां कमजोर बने रहने की चिंता बरकार है। सऊदी अरब की अगुवाई में ओपेक देशों और रुस के नेतृत्व में ओपेक के सहयोगी तेल उत्पादक देशों की आन लाइन बैठक में तेल उत्पादन में कटौती की वर्तमान सहमति को बनाए रखा गया। इसमें महत्वपूर्ण बात यह है कि दुनिया का सबसे बड़ा तेल उत्पादक सऊदी अरब रोजाना दस लाख बैरल की कटौती कम से कम अप्रैल तक जारी रखेगा। ताजा करार के तहत रुस और कजाकिस्तान तेल का उत्पादन थोड़ा बढ़ा सकते हैं। विश्लेषकों का मानना था कि ओपक और उसके सहयोगियों द्वारा उत्पादन में थोड़ा बहुत बढ़ोतरी का फैसला किया जा सकता है। उनका मानना था कि शीघ्रता से उत्पादन नहीं बढाया गया तो तेल के दाम बढ सकते है।

#Savegajraj

Previous articleचीन ने 2021 के लिए छह प्रतिशत आर्थिक वृद्धि का लक्ष्य तय किया
Next articleधान की सरकारी खरीद 1.26 लाख करोड़ पहुंची

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here