नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस ने गणंत्र दिवस पर किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान लाल किले में हुई हिंसा के उपद्रवियों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। पुलिस ने 20 और लोगों की तस्वीरें जारी की हैं, जो 26 जनवरी को लाल किले में हुई हिंसा में कथित रूप से शामिल थे। पुलिस ने शुक्रवार को भी 200 लोगों की तस्वीरें जारी की थीं। जानकारी के अनुसार, इस हिंसा में 500 से अधिक पुलिस कर्मी घायल हुए थे और प्रदर्शनकारी की मौत भी हो गई थी। दिल्ली पुलिस ने गणतंत्र दिवस पर हुई हिंसा के मामले में अब तक 152 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग को लेकर 26 जनवरी
केन्द्र के तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग को लेकर 26 जनवरी को किसान संगठनों द्वारा निकाली गई ट्रैक्टर परेड के दौरान प्रदर्शनकारी किसानों की पुलिस के साथ झड़पें हो गई थीं। प्रदर्शनकारी ट्रैक्टर लेकर लाल किले तक पहुंच गए थे। इस दौरान उन्होंने लाल किले की गुंबद और प्राचीर के ध्वज स्तंभ पर धार्मिक झंडा लगा दिया था। दिल्ली पुलिस ने इस हिंसा के लिए राकेश टिकैत, योगेंद्र यादव, राजिंदर सिंह, मेधा पाटकर, बूटा सिंह, दर्शन पाल और बलबीर सिंह राजेवाल समेत 37 किसान नेताओं के खिलाफ नामजद एफआईआर दर्ज की है। स्पेशल सेल और क्राइम ब्रांच की टीमें मिलकर कर रही हैं।
शिकंजे में लाने के लिए गहनता से सबूत जुटाए
सभी आरोपियों को कानून के शिकंजे में लाने के लिए गहनता से सबूत जुटाए जा रहे हैं। दिल्ली पुलिस का दावा है कि गणतंत्र दिवस पर हुई हिंसा बेहद दुर्भाग्यपूर्ण एक सोची-समझी साजिश थी ताकि पर अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सरकार को शर्मिंदा कराया जा सके। दिल्ली पुलिस की वार्षिक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान यह पूछे जाने पर कि 26 जनवरी की घटना क्या खुफिया विफलता थी? श्रीवास्तव ने कहा कि कोई खुफिया विफलता नहीं थी। उन्होंने कहा कि हम किसानों से बात करते आ रहे थे। हमने उन्हें ट्रैक्टर रैली निकालने की इजाजत दी थी। समझौते के तहत नियम कायदे तैयार किए गए थे और उन्हें ट्रैक्टर परेड निकालने के लिए मार्ग बताए किए गए थे, लेकिन उन्होंने दिल्ली पुलिस के विश्वास को तोड़ा और हिंसा की। पुलिस ने बड़ी खूबी से अपना कर्तव्य निभाया। कमिश्नर ने कहा कि किसान नेताओं ने उन नोटिस का जवाब दिया है, जो दिल्ली पुलिस ने उन्हें भेजे थे
#Savegajraj