मदरलैण्ड/कटिहार
ज़िले का मुख्य अस्पताल सदर अस्पताल आये दिन विवादों के घेरे में रहता है।यूं कहें विवादों से चोली दामन का साथ है।अगर मरीज की स्थिति गम्भीर हो तो न तो उन्हें उचित इलाज मिल पाता है। और न ही कोई मुक्कमल व्यवस्था हो पाती है।ऊपर से आशा कार्यकर्ता सुलेखा जो अपने आप को ग्रामीण की आशा बता रही है।और वो नगर निगम के वार्ड संख्या 17 में घुस कर किसी भी तरह मरीज के परिजनों से पैसे की उगाई में लगी रहती है।ताजा मामला कटिहार के भगवान चौक की रहने वाली 26 वर्षीय चानो देवी की है।जब पीड़िता चानो देवी को प्रसव पीड़ा हुई तो उनके परिजनों द्वारा उन्हें सदर अस्पताल लाया गया लेकिन डॉक्टर की लापरवाही और उचित इलाज नही हो पाने के कारण प्रसव के पूर्व ही उनके बच्चे की मृत्यु पेट मे ही हो गयी।और तो और परिजनों की माने तो आशा कर्मी सुलेखा द्वारा मरीज के परिजन से 5 से 6 हजार रुपये की मांग की गई थी । परिजनों का आरोप है।कि डॉक्टर इलाज के पूर्व हीं उसे उच्च चिकित्सा के लिए दूसरे जगह रेफर कर दिया इस बात को लेकर परिजनों ने सदर अस्पताल की कुव्यवस्था पर जम कर बबाल किया वही अस्पताल प्रशासन पूरे मामले पर गोल मोल जबाब देकर जिम्मेदारी से पल्ला भले झाड़ लिया लेकिन दामन में दाग लगते रहे हैं।अस्पताल के डॉक्टर और स्वास्थ कर्मी मानवीय संवेदना का परिचय दे और मरीजो का बेहतर इलाज करे ताकि गरीब मरीजो को थोड़ी राहत मिल सके सदर अस्पताल का यह कोई पहला मामला नहीं है।कुछ ही दिनों पूर्व ही परतेली के नंदनी कुमारी की मौत लापरवाही के कारण हो गई थी।जिसके बाद नंदनी कुमारी के परिजनों ने भी आशा कार्यकर्ता पर मोटी रकम लेने का आरोप लगाया था।आशा कार्यकर्ता को लेकर सदर अस्पताल आए दिन सवालों के घेरे में रहती है।
हद तो तब हो गई मरीज चानू देवी अपने हाथों में सलाइन की बोतल लेकर इधर उधर ईलाज के लिए भटक रही थी।और अपना दुखरा बयां कर रही थी।अब देखने वाली बात यह होगी कि कटिहार के जिलाधिकारी उदयन मिश्रा मामले को कितना संज्ञान में लेते हैं और क्या कार्रवाई करते हैं। ये देखने वाली बात होगी।
कहती हैं उपाधीक्षक:-
सदर अस्पताल कटिहार की उपाधीक्षक आशा शरण ने कहा जांच के बाद कुछ कह सकते हैं।आरोप से घिरी आशा से स्पष्टीकरण पूछा जाएगा।