तमिलनाडु में विधानसभा चुनावों के ठीक पहले बहुचर्चित और विवादास्पद कलाकार नेता शशिकला ने राजनीति से संन्यास लेने की घोषणा कर सबको चौका दिया है। यह ऐलान करते हुए शशिकला ने कहा कि उन्होंने कभी पद या सत्ता की अपेक्षा नहीं की थी। वह हमेशा भलाई के लिए काम करेगी और अम्मा याने जयललिता के बताए मार्ग पर चलती रहेंगी। हालांकि उन्होंने राजनीति से संन्यास लिया है लेकिन फिर भी अन्ना द्रमुक कार्यकर्ताओं से कहा है कि वे द्रमुक को हराने के लिए एकजुट रहें। शशिकला के इस फैसले पर उनके भतीजे दिनाकरन को झटका लगा है। अन्ना द्मुक से निष्कासित किए जाने के बाद दिनाकरन ने अम्मा मक्कल मुन्नेत्र कषघम की स्थापना की थी। दिनाकरन ने कहा, मैंने पूरी कोशिश की कि मैं उन्हें यह फैसला न लेने दूं लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ… अन्ना मक्कल मेरे नेतृत्व में यह चुनाव लड़ेगी।

असम में भाजपा के लिए प्रतिष्ठा की लड़ाई

अगले माह संपन्न होने वाले पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों के लिए सभी दलों ने कमर कस ली है और अब अपने उम्मीदवारों की सूची लेकर मैदान संभालने की तैयारी है। इन दक्षिण (तमिलनाडु, केरल, पुडुचेरी) तथा पूर्वी (बंगाल, असम) राज्यों में गुजरे जमाने में जहां कांग्रेस और वामदलों की तूती बोलती थी वहीं भाजपा का नामलेवा मुश्किल से कोई दिखाई देता था, लेकिन पिछले दस वर्षों में परिस्थितियों ने एकदम विपरीत मोड़ ले लिया है। इनमें अब कांग्रेस और वामदलों का नाम केरल और पुडुचेरी तक सीमित रह गया जबकि बंगाल और तमिलनाडु में स्थानीय दल छाए हुए हैं। पूर्वांचल में असम ऐसा पहला राज्य है जहां भाजपा पैर पसारने में कामयाब रही। वही भाजपा इस बार बंगाल में भी जोरदार टक्कर देती हुई दिखाई दे रही है। जहां तक असम का सवाल है वहां उसका सामना कांग्रेस तथा एआईयूडीएफ के गठबंधन से है।

दिल्ली में भाजपा का सूपड़ा साफ

दिल्ली नगर निगम के उपचुनाव में पांच मे ले चार सीटें जीत कर यह साबित कर दिया कि यहां आम आदमी पार्टी यानी आप का जादू कायम है जबकि शेष एक सीट कांग्रेस ने जीतकर भाजपा का सूपड़ा साफ कर दिया। इस जीत के बाद आप कार्यकर्ता “हो गया काम, जय श्री राम” का नारा लगाते नजर आये। उल्लेखनीय है कि नगर निगम के पांच वार्ड के लिए 28 फरवरी को उपचुनाव हुए थे। इनमें 50 फीसदी से अधिक मतदान हुआ था। इन पांच वार्ड में से चार आप के पास थे जबकि शालीमार बाग नॉर्थ से भाजपा के पार्षद थे।

अभी भी कोरोना का कहर

महाराष्ट्र और केरल में कोरोना महामारी का प्रकोप थमने का नाम नहीं ले रहा है। महाराष्ट्र में बुधवार तक 9855 मामले सामने आए, तो दूसरी तरफ केरल में तकरीबन 2700 नए केस दर्ज किए गए। अगर देश के कुल मामलों से तुलना की जाए तो तकरीबन 60 से 70 प्रतिशत मामले इन्हीं दोनों राज्यों से सामने आ रहे हैं। महाराष्ट्र में स्थिति और भी ज्यादा भयावह है। यही वजह है कि राज्य के कई जिलों में लॉकडाउन सहित अन्य प्रतिबंध लगा दिए गए हैं। मुंबई पर एक बार फिर कोरोना का खतरा मंडरा रहा है। इसी के मद्देनजर मुंबई में लोगों के खिलाफ अभियान तेज कर दिया है।

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