देश में कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए शीर्ष अदालत ने भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा पर रोक लगा दी थी। अब फैसले में संशोधन की मांग के लिए सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दायर की गई है। याचिका में कहा गया कि जगन्नाथ यात्रा को सिर्फ पुरी में निकालने की अनुमति दी जाए। वैसे तो देश के विभिन्न हिस्सों में लोग स्थानीय स्तर पर यात्रा आयोजित करते हैं। याचिका पुरी के नागरिक आफताब हुसैन ने अपने वकील प्रणय कुमार महापात्र के माध्यम से दाखिल की है।
याचिका में अदालत से अनुरोध किया गया है कि यह यात्रा निकालने और पूजा के लिए लाखों लोगों को नहीं सिर्फ 500-600 लोगों को अनुमति मिले, जो कोरोना संकट के मद्देनजर जारी बचाव और एहतियात संबंधी दिशानिर्देश और आपसी दूरी का पूरा ख्याल रखेंगे। उल्लेखनीय है कि शीर्ष अदालत के मुख्य न्यायाधीश की अगुवाई वाली बेंच ने कोरोना संकट के चलते ओडिशा के पुरी में सदियों पुरानी परंपरा भगवान जगन्नाथ यात्रा निकालने और उससे सम्बंधित गतिविधियों पर गुरुवार को रोक लगा दी थी।
इस वर्ष यह रथयात्रा 23 जून को होनी थी। सामान्य तौर पर रथयात्रा में 10 से 12 लाख लोग इकठ्ठा होते हैं। यह समारोह लगभग 10 दिन चलता है। शीर्ष अदालत ने कहा था कि लोगों के स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए रथयात्रा रोकने का आदेश आवश्यक है। सुनवाई के दौरान शीर्ष अदालत ने कहा कि यदि ऐसे संकट के समय रोक नहीं लगाई गई तो भगवान जगन्नाथ हमें कभी माफ नहीं करेंगे।