नई दिल्ली। देश के विनिर्माण क्षेत्र की गतिविधियों में फरवरी माह के दौरान हल्की मंदी के बाद व्यापक रूप से सुधार नए ऑर्डर मिलने से कंपनियां उत्पादन और खरीदारी गतिविधियां बढ़ने से उत्साहित हैं। सोमवार को जारी मासिक सर्वेक्षण में यह कहा गया है। आएचएस मार्किट भारत विनिर्माण खरीद प्रबंधक सूचकांक (पीएमआई) फरवरी माह में मामूली गिरकर 57.5 अंक पर आ गया। एक महीना पहले जनवरी में यह 57.7 पर था। इसमें यह संकेत मिलता है कि जनवरी से वृद्धि की रफ्तार कुछ नरम पड़ी है लेकिन पुराने आंकड़ों के संदर्भ में यह लगातार तेज बनी हुई है।
फरवरी माह के शीर्ष आंकड़े दीर्घकालिक औसत 53.6 के मुकाबले
सर्वेक्षण में कहा गया है कि फरवरी माह के शीर्ष आंकड़े दीर्घकालिक औसत 53.6 के मुकाबले ऊंचे बने हुए हैं। पीएमआई में आंकड़ा 50 से ऊंपर रहने का अर्थ है क्षेत्र में विसतार हुआ है जबकि 50 से नीचे रहने का मतलब इसमें गिरावट आई है। आईएचएस मार्किट की अर्थशास्त्र की सहायक निदेशक पालियाना डे लिमा ने कहा, “फरवरी माह में भारतीय माल उत्पादकों को उनके माल के लिए नए ऑर्डर प्राप्त हुए। इस स्थिति को देखते हुए आने वाले समय में उत्पादन और खरीद मात्रा में वृद्धि की उम्मीद है।
कंपनियों के पास नए ऑर्डर को पूरा करने के लिए उपयुक्त संसाधन
लीमा ने कहा कि यदि कंपनियों के पास नए ऑर्डर को पूरा करने के लिए उपयुक्त संसाधन और क्षमता होती है तो उत्पादन वृद्धि मजबूत रह सकती है। ”यह नए ऑर्डर में त्वरित वृद्धि और तैयार माल की उपलब्धता में आई कमी से साबित होता है।” बहरहाल, इस दौरान रोजगार में कमी आई है क्योंकि कोविड-19 के चलते कामकाज को एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाने पर प्रतिबंध लागू हैं। बहरहाल, कई लोगों को उम्मीद है कि इस तरह के नियंत्रण जल्द ही हटा लिए जाएंगे क्योंकि देश में टीकाकरण कार्यक्रम तेजी से बढ़ रहा हे। देश में जैसे ही बड़ी संख्या में जनसंख्या को टीका लग जाएगा और प्रतिबंध उठने लगेंगे तो कंपनियों को कामकाज, अर्थव्यवस्था में धीरे धीरे सुधार की उम्मीद है। इससे उत्पादन वृद्धि भी तेज होगी।
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