नई दिल्ली । दुनियाभर में प्रतिष्ठित एयरोस्पेस एवं रक्षा प्रदर्शनी एयरो इंडिया-2021 की तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। बेंगलुरु में वायुसेना के हवाई अड्डे पर इस एयरशो का शुभारंभ बुधवार से शुरू होकर तीन दिन तक चलेगा। यह दुनिया का पहला हाइब्रिड मिश्रित एयरोस्पेस शो होगा। इसमें भारतीय लड़ाकू विमान एलसीए-तेजस और अमेरिकी सुपरसोनिक बमवर्षक समेत दिग्गज जंगी विमान अपनी ताकत प्रत्यक्ष और वर्चुअल माध्यम से दिखाएंगे।
आत्मनिर्भर भारत अभियान’ और ‘मेक इन इंडिया
हर दो साल में एक बार आयोजित होने वाले इस एयरशो के 13वें संस्करण में ‘आत्मनिर्भर भारत अभियान’ और ‘मेक इन इंडिया’ का प्रभाव देखने को मिलेगा। इसमें 14 देशों का प्रतिनिधिमंडल और वहां की कंपनियां भाग लेंगी। अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल और रक्षा उद्योग का प्रतिनिधित्व डॉन हेफ्लिन करेंगे। अमेरिका की बोइंग और लॉकहीड मार्टिन, फ्रांस की दसॉल्ट और एयर बस, ब्रिटेन की बीएई और रॉल्स रॉयस समेत दुनियाभर की दिग्गज कंपनियां अब एक सुर में ‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियान का समर्थन कर रही हैं।
एडवांस्ड डिफेंस सिस्टम्स लिमिटेड-भारत के कॉर्पोरेट क्षेत्रीय निदेशक
फेल एडवांस्ड डिफेंस सिस्टम्स लिमिटेड-भारत के कॉर्पोरेट क्षेत्रीय निदेशक एली हेफेट्स ने कहा-हम स्वेदशी उत्पादन, जानकारी के हस्तांतरण और वैश्विक औद्योगिक सहयोग को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार की ‘मेक इन इंडिया नीति’ और ‘आत्मनिर्भर भारत मिशन’ का समर्थन करेंगे। दसॉल्ट सिस्टम्स, इंडिया में निदेशक रविकिरण पोथुकुची ने कहा-भारत एयरोस्पेस और रक्षा क्षेत्र में परिवर्तन के दौर से गुजर रहा है, यहां की सरकार बड़े पैमाने पर आधुनिकीकरण और स्वेदशीकरण कार्यक्रमों का संचालन कर रही है।
कोरोना की आरटी-पीसीआर जांच
एयरशो के आयोजन स्थल पर प्रवेश के लिए कोरोना की आरटी-पीसीआर जांच रिपोर्ट आवश्यक है, जिसमें संक्रमण रहित होने की पुष्टि की गई हो। जांच रिपोर्ट 31 जनवरी या बाद की होनी चाहिए। एयरशो विचारों, जानकारियों और नए तकीनीक को साझा करने का एक अवसर प्रदान करता है। इससे देश के विमानन उद्योग को मदद मिलेगी जिससे ‘मेक इन इंडिया’ अभियान को बल मिलेगा। भारत का लक्ष्य वर्ष 2025 तक 5 अरब अमेरिकी डॉलर का रक्षा उत्पाद निर्यात करने का लक्ष्य है। भारत की कोशिश रक्षा उत्पाद का निर्यात करने वाले प्रमुख देशों के क्लब में शामिल होने की है।
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