नई दिल्ली। कश्मीर में स्टिक (चिपकने वाला) बम सुरक्षा बलों के लिए नई चुनौती बन रहा है। पिछले कुछ महीनों में इस तरह के बम कई बार सुरक्षाबलों द्वारा बरामद करके बड़ी वारदात को टाला गया है। यह सस्ता, सटीक और घातक हथियार माना जाता है, जिसका उपयोग अफगानिस्तान में तालिबान और अन्य आतंकी समूहों द्वारा 2005 के बाद से किया जाता रहा है। सुरक्षा बल से जुड़े सूत्रों ने कहा, स्टिक बम (स्टिकी बम) कश्मीर घाटी में लगातार सीमा पार से पहुंचाने का प्रयास हो रहा है। इसे किसी भी गाड़ी में चिपकाकर रखा जा सकता है और ये चुम्बक की तरह काम करता है। सूत्रों ने बताया कि पिछले महीने केंद्र शासित प्रदेश में सुरक्षा एजेंसियों ने कम से कम 15 ‘स्टिक बम’ जब्त किए थे। यह सभी नियंत्रण रेखा के पार से ड्रोन और सुरंगों के माध्यम से कश्मीर घाटी तक पहुंचाए गए थे। स्टिक बम विस्फोटक से लदी कार की तुलना में कम घातक है, लेकिन यह आतंकी संगठनों के लिए पसंद का हथियार बन गया है। क्योंकि इसका उपयोग करना और स्थानांतरित करना आसान है। इसे बनाने के लिए अपेक्षाकृत कम संसाधनों की आवश्यकता होती है। सुरक्षा बल से जुड़े सूत्रों का कहना है कि आतंकवादी और उनसे सहानुभूति रखने वाले सैन्य वाहन पर चुंबक की तरह काम करने वाले बम रखने के लिए आसानी से अराजकता का लाभ उठा सकते हैं। सुरक्षा बल इस बम को चिन्हित करने के लिए विशेष प्रशिक्षित डॉग स्क्वाड और तकनीकी उपकरणों का इस्तेमाल कर रहे हैं।
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