बजट के अभाव में दो साल पहले कर दिया था बंद

भोपाल। प्रदेश की एकमात्र टेस्टिंग लैब को बजट नहीं ‎मिलने से करीब तीन सौ कंप‎नियां ‎निराश है। इंदौर में स्थित इस लैब को दो साल पहले बजट के अभाव में बंद कर दिया गया था। बजट नहीं ‎मिलने से इंदौर की इलेक्ट्रानिक और आइटी सेक्टर में काम कर रही 300 से ज्यादा कंपनियां निराश हैं। इलेक्ट्रानिक काम्प्लेक्स स्थित इलेक्ट्रानिक टेस्ट एंड डेवलपमेंट सेंटर (ईटीडीसी) की लैब को केंद्र सरकार ने विकसित कर 1997 में प्रदेश सरकार को हस्तांतरित किया था। 15 करोड़ रुपये के उपकरणों से सुसज्जित प्रदेश की यह एकमात्र लैब है।

छोटे-बड़े इलेक्ट्रानिक उपकरणों का निर्माण कर

इसमें इलेक्ट्रानिक उपकरणों का कैलिब्रेशन और प्रमाणीकरण की सुविधा है। पूरे प्रदेश में छोटे-बड़े इलेक्ट्रानिक उपकरणों का निर्माण कर रहे उद्योग अपने उत्पादों के टेस्टिंग और प्रमाणीकरण के लिए इसकी मदद ले रहे थे। दो साल पहले लैब की कम आय और खर्च का हवाला देकर स्टेट इलेक्ट्रानिक कार्पोरेशन ने सिफारिश भेजी और सरकार ने लैब का संचालन बंद कर दिया। तब से लैब पर ताला लटका है। दिसंबर 2020 में प्रदेश के पूर्व मंत्री और भाजपा नेता उमाशंकर गुप्ता प्रदेश सरकार के समन्वयक के रूप में इंदौर में उद्योगों की समस्याओं की सुनवाई करने पहुंचे थे।

महिला उद्यमी नीता गोयल ने उन्हें बंद लैब की समस्या

बायोमेडिकल उपकरणों का निर्माण कर रही महिला उद्यमी नीता गोयल ने उन्हें बंद लैब की समस्या बताई थी। उद्योगपतियों ने कहा था कि एक्सपोर्ट आर्डर ले रही कंपनियों के बनाए उपकरणों के लिए शासकीय एजेंसी का सर्टिफिकेशन जरूरी है, जो यह लैब मुहैया करवा रही थी। अब लैब बंद है तो बिना प्रमाणीकरण के एक्सपोर्ट आर्डर अटक रहे हैं। शहर के उद्योगों पर प्रदेश के बाहर लैब पर टेस्टिंग और प्रमाणीकरण के लिए निर्भर हो गए हैं। पूर्व मंत्री लैब शुरू करने का वादा कर रवाना हुए थे। लेकिन बजट में न लैब के लिए राशि जारी हुई, न ही इसे वापस खोलने की घोषणा की गई।

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