नई दिल्ली। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर और केंद्र सरकार के बीच तनातनी के बीच पता चला है कि सरकार जल्दी ही कू ऐप को संपर्क का मुख्य जरिया बना सकती है। बताया जाता है कि सरकार जरूरी अपडेट्स, जानकारियां 1-3 घंटे पहले कू पर देगी। हालांकि, इसके बाद ट्विटर पर भी जानकारी पोस्ट की जाएगी। ट्विटर और सरकार के बीच किसान आंदोलन मामलों से जुड़े अकाउंट्स को लेकर विवाद जारी है।

गोपनीयता की शर्त पर बताया कि सरकार

मामले के जानकारों ने गोपनीयता की शर्त पर बताया कि सरकार जानकारी देने के लिए मुख्य तौर पर कू का इस्तेमाल कर सकती है। इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय, रेलवे मंत्रालय समेत कई सरकारी विभागों ने कू पर अपनी मौजूदगी दर्ज करा दी है। सरकार ने ट्विटर से किसान आंदोलन को लेकर ‘भड़काऊ सामग्री’ वाले अकाउंट्स को हटाए जाने की मांग की थी। बीते हफ्ते कू के संस्थापक ने कहा था कि प्लेटफॉर्म पर अभिव्यक्ति की आजादी है, लेकिन आपको देश के नियमों को मानना होगा।

अप्रमेय राधाकृष्णन ने कहा हम बोलने की आजादी

कू के सीईओ और सह-संस्थापक अप्रमेय राधाकृष्णन ने कहा हम बोलने की आजादी के लिए तैयार हैं। हमारा मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि भारत में रहने वाले सभी लोगों को अभिव्यक्ति का आजादी मिले। सरकार ने ट्विटर से किसान आंदोलन को लेकर गलत जानकारी फैला रहे अकाउंट्स और पोस्ट पर कार्रवाई करने की मांग की थी। सरकार के अनुसार, गलत जानकारी फैला रहे ज्यादातर अकाउंट्स का संबंध पाकिस्तान से है या उनका संचालन अलगाववादी सिख आंदोलन कर रहा है। मयंक ने बताया था कि कू के 30 लाख से ज्यादा डाउनलोड हो चुके हैं। वहीं, बीते 6 महीनों से यह चार गुना रफ्तार से बढ़ रहे हैं। आत्मनिर्भर ऐप चैलेंज में दूसरे स्थान पर आने के बाद इस ऐप का नाम सामने आया था।

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