चीन समय-समय पर अपने सदाबहार मित्र पाकिस्तान को खुश करने के लिए जम्मू-कश्मीर और लद्दाख पर टिप्पणी करता रहता है। चीन ने यही काम यूएन में भी किया। जिसपर भारत ने नाराजगी प्रकट करते हुए पलटवार किया है। चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में कश्मीर मुद्दे को उठाते हुए कहा कि इस विवाद को, संयुक्त राष्ट्र चार्टर, सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों और द्विपक्षीय समझौते के अनुसार शांतिपूर्वक और उचित रूप से संबोधित किया जाना चाहिए।
एकतरफा कार्रवाई नहीं होगी..
पाकिस्तान के करीबी सहयोगी चीन ने जोर देकर कहा कि ऐसी कोई कार्रवाई नहीं की जानी चाहिए जो एकतरफा हो और जिससे यथास्थिति में कोई बदलाव हो। इसपर भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा है कि जम्मू, कश्मीर और लद्दाख भारत का अभिन्न अंग हैं और यह भी कहा कि इलाके से संबंधित हालिया घटनाक्रम देश के लिए पूरी तरह से आंतरिक मामला है।
जम्मू कश्मीर का मुद्दा आतंरिक है…
कुमार ने कहा कि चीन को भारत की स्थिति के बारे में अच्छी तरह से पता है कि जम्मू, कश्मीर और लद्दाख भारत का अभिन्न अंग है और हालिया घटनाक्रम हमारे लिए पूरी तरह से आंतरिक है। उन्होंने कहा, हम उम्मीद करते हैं कि अन्य देश भारत की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करेंगे और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में अवैध तथाकथित चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे(CPEC) के माध्यम से यथास्थिति को बदलने के प्रयासों से बचेंगे। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने बताया कि भारत को उम्मीद है कि अन्य देश भारत की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करेंगे। बता दें कि भारत ने बीते पांच अगस्त को जम्मू-कश्मीर से धारा 370 खत्म कर दिया था।