अयोध्या मामले में मुस्लिम पक्ष की तरफ से वकील रहे राजीव धवन ने बड़ा खुलासा किया है। वरिष्ठ वकील ने कहा है कि मुस्लिम पक्ष द्वारा मुझे इस मामले से हटा दिया गया है। बता दें कि मुस्लिम पक्षकारों ने कहा था कि राजीव धवन का स्वास्थ्य खराब है, इसलिए वह अब अयोध्या मामले में पुनर्विचार याचिका को लेकर उनकी पैरवी नहीं करेंगे। वहीं, धवन का इल्जाम है कि जमीयत उनके मामले से अलग होने के पीछे उनके ख़राब स्वास्थ्य की झूठी अफवाह फैला रहा है।

मामले का दिया स्पष्टीकरण
इस पूरे मामले पर स्पष्टीकरण देते हुए राजीव धवन ने अपने फेसबुक पेज पर लिखा कि, ‘मुझे सूचित किया गया है कि श्री मदनी ने संकेत दिया कि मुझे केस से हटा दिया गया क्योंकि मैं अस्वस्थ था। ये बिलकुल बकवास है। मिस्टर मदनी को यह अधिकार है कि वह अपने एडवोकेट ऑन रेकॉर्ड एजाज मकबूल को निर्देश दें कि मुझे बर्खास्त कर दें, उन्हीं निर्देशों का उन्होंने पालन किया। किन्तु जो तर्क दिया जा रहा है वह भ्रामक और झूठा है। धवन ने इसे स्वीकार करते हुए इस बारे में अनौपचारिक ख़त भी भेज दिया है।

उलेमा-ए-हिंद को पुनर्विचार याचिका दायर
बता दें कि अयोध्या फैसले के खिलाफ जमीयत उलेमा-ए-हिंद सोमवार (2 दिसंबर) को पुनर्विचार याचिका दायर कर दी है। जमीयत-उलेमा-हिंद से संबंधित असद रशीदी की ओर से 217 पन्नों की याचिका दाखिल की गई है। याचिका में कहा गया है कि अदालत ने माना कि वहां नमाज होती थी फिर भी मुसलमानों को बाहर कर दिया। इसके साथ ही कहा गया है कि 1949 में गैर कानूनी तरीके से इमारत में मूर्ति रखी गई। फिर भी रामलला को पूरी जगह दी गई।

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