अयोध्या राम मंदिर और बाबरी मस्जिद विवाद में शीर्ष अदालत का फैसला आने के बाद रामनगरी में मंदिर निर्माण की तैयारियां तेज हो गई हैं। दो मंजिल के भव्य राम मंदिर की रूपरेखा पहले से तैयार की जा चुकी है। पहली मंजिल का काम लगभग पूरा बताया जा रहा है। अयोध्या में कारसेवकपुरम के पास स्थित कार्यशाला में प्रस्तावित मंदिर के लिए पत्थरों को तराशने का काम कुछ समय से बंद है। अब जब मंदिर निर्माण का मार्ग साफ हो गया है तो इस कार्यशाला में जल्द ही फिर से औजारों की आवाज गूंजेगी।

इसका काम देख रहे गुजरात के आर्किटेक्ट अन्नू भाई सोमपुरा ने अहमदाबाद से फोन पर बताया है कि 212 पिलर पर बनने वाले भव्य राम मंदिर के लिए अभी और पत्थर तराशे जाने बाकि हैं। बताया जा रहा है कि 20 लाख घनफुट पत्थरों की आवश्यकता और होगी। विश्व हिंदू परिषद (VHP) के मॉडल के अनुसार, मंदिर बनने में 4-5 वर्ष लगेंगे। पुराने पत्थरों को साफ करने से नए पत्थर तराशने तक, बहुत काम शेष है। वह बताते हैं कि भूतल का काम पूरा हो चुका है। ऊपर की मंजिल के लिए काम बाकी है। मंदिर के हर तल पर 106 पिलर लगेंगे।

कार्यशाला में लगे शिलापट के अनुसार, पहली मंजिल की ऊंचाई 18 फुट रहेगी, जबकि दूसरी मंजिल की ऊंचाई 15 फीट 9 इंच रखी जाएगी। इसके ऊपर 16 फुट 3 इंच की पेटी होगी और उसके ऊपर 65 फुट 3 इंच के आकार का गुम्बद होगा। शिलालेख में यह भी लिखा गया है कि परिक्रमा मार्ग बनाया जाएगा, जिसमें पहला चबूतरा 8 फुट ऊंचा और 10 फुट चौड़ा होगा। मंदिर में एक और चबूतरा बनाया जाएगा, जो 4 फुट 9 इंच का होगा और इसके ऊपर पिलर लगाए जाएंगे।

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