केंद्रीय राज्यमंत्री व महामंडलेश्वर साध्वी निरंजन ज्योति ने कहा कि बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से आए अल्पसंख्यकों को सुरक्षा प्रदान करना और नागरिकता देना सीएए का उद्देश्य है। वहीं न नहीं किसी से नागरिकता छीनना। जहां यह भी कहा जा रहा है कि विधान में भी इसका उल्लेख कि या गया है। पाकिस्तान और बांग्लादेश में जहां हम पहले 30 प्रतिशत थे, वहां अब दो से ढाई प्रतिशत बचे हैं, जबकि भारत में अल्पसंख्यक पहले 14 प्रतिशत थे, जो अब 32 प्रतिशत पर पहुंच गए हैं।

जानकारी मिली के मुताबिक निरंजन ज्योति मध्य प्रदेश के धार जिले के बदनावर में पत्रकारों से चर्चा कर रहीं थीं। उन्होंने कहा कि देश को बदनाम करने की साजिश की जा रही है। इसमें भी कि सी का षड्यंत्र है। देश के बंटवारे के वक्त समझौता हुआ था कि वहां यदि अल्पसंख्यक रह गए तो उनकी सुरक्षा करना वहां की सरकार की जिम्मेदारी होगी और यदि भारत में रह गए हैं, तो इनकी जिम्मेदारी भारत की होगी। भारत ने तो अपना दायित्व बखूबी निभाया है, लेकि न पाकि स्तान और बांग्लादेश ने अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचारों को कहां रोका है?

वहीं उन्होंने कहा कि शाहीन बाग, जंहा यह कहा जा रहा कि दिल्ली में जो धरने पर बैठे हैं, उन्हें इस कानून की वास्तविकता के बारे में पता ही नहीं है उन्हें भ्रमित कि या जा रहा है। वहां तो बच्चों को भी बैठा दिया गया है. जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटने के बाद स्थिति पूरी तरह सामान्य है और भारत एक बार फिर से विश्व गुरु बनने की ओर अग्रसर है।

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