दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने गुरुवार को कोरोना वायरस को लेकर प्रेसवार्ता की है। उन्होंने मीडिया से कहा कि आपकी जानकारी के लिए बता दूं कि कोरोना वायरस से मुक्ति वैक्सीन के बाद ही मिलेगी, लेकिन इस वक्त दो चैलेंज है। पहला कोरोना को फैलने से रोकना और दूसरा- किसी को कोरोना हो जाए तो वो ठीक हो कर चला जाए। गंभीर मरीज के लिए प्लाज्मा तकनीक फायदेमंद रहती है।

अरविंद केजरीवाल ने कहा कि केंद्र ने हमें ट्रायल करने की इजाजत दे दी है। अगर ये सफल होता है तो लोगों की जान बचाने में मददगार होगा। अभी ये ट्रायल की स्थिति में है। जिसे कोरोनो हो जाता है उसको ठीक होने के बाद वो अपना ब्लड डोनेट करता है उसमें से प्लाज्मा निकालकर एनरिच किया जाता है और बीमार पेसेंट में वो डाल कर एंटी बॉडी बढ़ाई जाती है।

दिल्ली के सीएम ने कहा कि हम उम्मीद करते हैं कि ये ट्रायल सफल होगा। दिल्ली में 57 के करीब कंटेंमेंट जोन बनाए गए हैं, जहां हम आपरेशन शील्ड करते हैं। मैं बता दूं कि कंटेंमेंट जोन में सबसे पहले जरूरी सुविधाओं का इंतजाम किया जाता है और फिर सैनेटाइजर किया जाता है। इसके बाद डोर-टू-डोर सर्वे होता है। ये टेस्ट सर्वे 100 फीसदी होगा, जिनमे सैंपल होते हैं। दिलशाद गार्डन के वसुंधरा एंक्लेव और खिचड़ीपुर सील करने के बाद वहां एक भी केस कोरोना का नहीं आया।

उन्होंने आगे कहा कि बुधवार को यमुना के तट के ऊपर बहुत सारे गरीब लोग इकट्ठे हो गए थे। जैसे ही ये मामले मेरे संज्ञान में आया तो हमने उनके खाने और रहने का इंतजाम किया। अलग-अलग स्कूल की इमारतों में उनका इंतजाम किया गया और खाने का इंतजाम किया गया है। मेरी सब से हाथ जोड़कर गुजारिश है कि सरकार ने खाने का बहुत इंतजाम किया हुआ है। बुधवार को भी 900000 लोगों ने लंच और 900000 लोगों ने डिनर किया है। खाने की कोई कमी नहीं है।

केजरीवाल ने कहा कि 71 लाख ऐसे लोग जिनके पास राशन कार्ड था उनको मुफ्त में राशन दिया जा चुका है। जिनके पास राशन कार्ड नहीं है उनको भी फ्री में राशन दिया जा रहा है। इतना इंतजाम करने के बावजूद जो बहुत लोग गरीब हैं उन लोगों को पता नहीं चल पाता कि सरकार ने कहा इंतजाम कर रखा है और मैं कहां जाऊं। जैसे ही कहीं से हमें पता चलता है तो हम उसके लिए इंतजाम करते हैं।

उन्होंने आगे कहा कि आप हमें बताइए कि कहां कौन भूखा है। हम उनका इंतजाम करेंगे यह हमारी जिम्मेदारी है। हमने खाने और रहने की सारी लोकेशन नक्शे पर डाल दी है। अगर संभव हो सके तो आप उन लोगों को वहां तक पहुंचाएं। मीडिया में कहा जा रहा है कि जिनके पास राशन कार्ड नहीं है उनको वेबसाइट पर आवेदन देने के लिए कहा जा रहा है वह लोग कैसे आवेदन करेंगे।

क्या है प्लाज्मा थेरेपी

कोरोना से पीड़ित मरीजों के ठीक होने के बाद उनके शरीर में एंटीबॉडी विकसित हो जाती है। इस एंटीबॉडी में वायरस से लड़ने की क्षमता विकसित हो जाती है। ये मरीज रक्तदान कर सकते हैं। उनके ब्लड से प्लाज्मा लेकर कोरोना मरीज का इलाज किया जा सकता है। अभी यह बताना संभव नहीं है कि ठीक हुए मरीज में यह एंटीबॉडी कितने समय तक बरकरार रहते हैं। डॉक्टर कोरोना से ठीक हो चुके लोगों से रक्तदान की अपील कर रहे हैं।

दिल्ली के अस्पताल में प्लाज्मा थेरेपी से कोरोना के इलाज का ट्रायल

वहीं बता दें कि दिल्ली के मैक्स अस्पताल ने कोरोना से पीड़ित दो मरीजों के इलाज में क्लीनिकल ट्रायल के रूप में प्लाज्मा थेरेपी का इस्तेमाल किया गया। परिजनों की सहमति से इस तकनीक का इस्तेमाल किया गया। अस्पताल के डॉक्टर कहते हैं कि एक मरीज में परिणाम अच्छा देखा जा रहा है। उम्मीद है कि मरीज अगले एक-दो दिन में वेंटिलेटर से बाहर आ जाएगा। दिल्ली में ऐसे इलाज का यह पहला मामला है।

विदेश में इसका हो चुका है इस्‍तेमाल

मैक्स हेल्थकेयर के क्लीनिकल डायरेक्टर डॉ. संदीप बुद्धिराजा के अनुसार अस्पताल में कोरोना के मरीज आए थे। तीमारदार चाहते थे कि इस तकनीक का इस्तेमाल हो। इसके बाद एथिक्स कमेटी से स्वीकृति लेकर प्लाज्मा थेरेपी का इस्तेमाल किया गया। डॉक्टर के अनुसार भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आइसीएमआर) इस थेरेपी का ट्रायल शुरू करना चाहता है। इसमें शामिल होने के लिए मैक्स ने भी आवेदन किया है। डॉक्टर कहते हैं कि यह नई तकनीक नहीं है। विदेश में इसका इस्तेमाल हो चुका है।

 

 

 

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