भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन प्रमुख के सिवन ने नासा के द्वारा विक्रम लैंडर को खोज निकालने पर कहा है कि हमारे खुद के ऑर्बिटर ने सबसे पहले लैंडर विक्रम के मलबे को खोज निकाला था। उन्‍होंने यह भी कहा कि हमने पहले ही इसकी घोषणा इसरो की वेबसाइट पर कर दी थी। आप बेवसाइट पर जाकर इसे देख भी सकते हैं।

चंद्रयान-2 अभियान एकबार फ‍िर सुर्खियों में
बता दे कि कल आई रिपोर्टों में दावा किया गया था कि अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा की ओर से जारी तस्वीरों की मदद से चेन्नई के आइटी प्रोफेशनल षणमुग सुब्रमणियन ने वह लोकेशन खोज ली है, जहां क्रैश होने के बाद विक्रम का मलबा पड़ा है। रिपोर्टों के मुताबिक, षणमुग ने अपनी खोज के बारे में नासा को जानकारी दी। इसके बाद नासा ने भी अध्ययन किया और पुष्टि की कि षणमुग की बताई लोकेशन सही है। इस खबर के बाद षणमुग सोशल मीडिया पर छा गए थे। अब इसरो प्रमुख के बयान से भारत का चंद्रयान-2 अभियान एकबार फ‍िर सुर्खियों में आ गया है।

22 जुलाई को चंद्रयान-2 प्रक्षेपित
इस अभियान के तहत भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने 22 जुलाई को चंद्रयान-2 प्रक्षेपित किया था। इसमें ऑर्बिटर के साथ-साथ लैंडर और रोवर को भी भेजा गया था। छह-सात सितंबर की दरम्यानी रात चांद के दक्षिणी ध्रुव पर लैंडिंग के समय लैंडर क्रैश हो गया था। रोवर भी लैंडर के अंदर ही था, जिसे सफल लैंडिंग के बाद बाहर आना था। चंद्रयान-2 का ऑर्बिटर सकुशल चांद की परिक्रमा करते हुए अभियान को अंजाम दे रहा है। चांद की परिक्रमा कर रहे नासा के एलआरओ ने 17 सितंबर को उस हिस्से की तस्वीर खींची थी, जिस ओर लैंडर को उतरना था।

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